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Article : Current Affairs 10 August 2018.
Updated at : Sat, 11 August, 2018 , 05:59:33 AM ( IST )
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रेखा शर्मा राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष नियुक्त


रेखा शर्मा (54) को राष्ट्रीय महिला आयोग अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. सितंबर 2017 में पूर्व अध्यक्ष ललिता कुमारमंगलम के पद छोड़ने के बाद वह कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर यह संभाल रही थीं. 
रेखा शर्मा ने महिला आयोग की सदस्यता के दौरान जेल, बंदी गृह और बालिका गृहों का कई बार दौरा किया है और महिला अधिकारों के संबंध में काफी सक्रिय रही हैं. महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों पर महिला आयोग की कार्यवाहक अध्यक्ष रहने के दौरान उन्होंने कई बार स्वत: संज्ञान लिया है और जांच बिठाई है. पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों के दौरान भड़की हिंसा के खिलाफ भी उन्होंने जांच के आदेश दिए थे.
आयोग के अध्यक्ष बनाए जाने पर रेखा ने कहा, “यह उनके लिए सम्मान की बात है. आयोग महिलाओं के संवैधानिक और कानूनी अधिकारों को कायम रखने और उनकी समस्याओं के निपटारे के लिए हमेशा दृढ़ प्रतिज्ञ रहेगा.” गौरतलब है कि केरल में पादरियों द्वारा एक महिला का यौन शोषण करने की खबर सामने आने के बाद उन्होंने चर्च में कन्फेशन रूम खत्म करने की बात कही थी.
राष्ट्रीय महिला आयोग
•    राष्ट्रीय महिला आयोग एक संवैधानिक संस्था है, इसकी स्थापना राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम, 1990 द्वारा के तहत की गयी थी. 
•    राष्ट्रीय महिला आयोग की स्थापना जनवरी 1992 में की गयी थी. 
•    महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने वाला यह देश का सर्वोच्च संगठन है. 
•    इसके अलावा यह महिलाओं के अधिकारों से सम्बंधित कानूनी माध्यमों की समीक्षा भी करता है. 
•    राष्ट्रीय महिला आयोग महिलाओं के अधिकारों से सम्बंधित मामलों के बारे में सरकार को परामर्श भी प्रदान करता है. 
•    राष्ट्रीय महिला आयोग “राष्ट्र महिला” नामक मासिक पत्रिका का मासिक हिंदी व अंग्रेजी भाषा में करता है.

केंद्र सरकार ने एनडीआरएफ की चार अतिरिक्त बटालियन के गठन को मंजूरी प्रदान की


देश में आपदा प्रबंधन तंत्र को मजबूत बनाने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की चार अतिरिक्त बटालियन बनाने की मंजूरी दी है. इस पर 637 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस निर्णय को मंजूरी दी गयी. 
अतिरिक्त बटालियन क्यों?

•    चार अतिरिक्ति बटालियन बनाने का निर्णय देश के विशाल भौगोलिक क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए लिया गया है जिससे कि आपदाओं के समय राहत बचाव अभियान बेहद कम समय में शुरू किया जा सके. 
•    इसकी दो बटालियन भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) में तथा एक-एक बटालियन सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) तथा असम राइफल्स (एआर) में गठित की जायेगी.
•    बाद में इन चारों बटालियनों को एनडीआरएफ की बटालियनों में बदला जाएगा. 
•    इन चारों बटालियनों को जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में तैनात किया जाएगा.
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ)
एनडीआरएफ एक विशेषज्ञ बल है जिसका गठन वर्ष 2006 में किया गया था. अभी एनडीआरएफ की 12 बटालियन हैं, जो पूरे देश में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनात हैं ताकि जरूरत पड़ने पर कम से कम समय में राहत बचाव अभियान शुरू किया जा सके.

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और नागरिक सुरक्षा एक पुलिस बल है जिसका निर्माण ''डिज़ास्टर मैनेज़मेंट एक्ट 2005'' के कानून के तहत किसी आपातकाल या आपदा के समय विशेषज्ञता और प्रतिबद्धता के साथ संगठित हो कर प्रभावितों और हताहतों के भले के लिए काम करना है. भारत में आपदा प्रबंधन की शीर्ष संस्था राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अथोरिटी है जिसका मुखिया प्रधानमंत्री होता है.

केंद्रीय रेशम बोर्ड ने रेशम कीट के अंडों की नई प्रजातियों को अधिसूचित किया


केंद्रीय रेशम बोर्ड (सीएसबी) ने ककून की उत्पादकता बढ़ाने और रेशम उत्‍पादन में लगे किसानों की आय बढ़ाने के लिए हाल ही में विकसित शहतूत और वन्या रेशम के रेशम कीटों के अंडों की प्रजातियों को अधिसूचित किया है. ककून की उत्पादकता में वृद्धि करने के उद्देश्‍य से विशिष्ट कृषि-जलवायु स्थिति के लिए रेशम कीट की नस्लें अत्‍यंत आवश्‍यक हैं.

नवीन रेशम कीट के लाभ

  • केंद्रीय रेशम बोर्ड (सीएसबी) द्वारा विकसित उष्णकटिबंधीय तसर रेशमकीट (बीडीआर-10) प्रजाति में पारंपरिक डाबा नस्ल की तुलना में 21 प्रतिशत अधिक उत्पादकता है.
  • किसान प्रति 100 रोग मुक्त अंडा धारण प्रक्रियाओं (डीएफएल) से 52 किलोग्राम तक ककून प्राप्त कर सकते हैं.
  • इस रेशम कीट नस्‍ल से झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, बिहार, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश के आदिवासी किसान लाभान्वित होंगे.

रेशम कीट की विशेषताएं

  • रेशम कीट की मल्टीवोल्टिन x बाइवोल्टिन शहतूत संकर (पीएम x एफसी 2) प्रजाति प्रति 100 डीएफएल 60 किलो का उत्पादन कर सकती है और यह प्रजाति असल में पूर्व प्रजाति पीएम x सीएसआर से बेहतर है.
  • उच्च गुणवत्ता वाले रेशम और बड़ी संख्‍या में अंडे मिलने की बदौलत यह प्रजाति कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना और महाराष्‍ट्र के किसानों के लिए उपयुक्त है.

टिप्पणी

हाल ही में अधिसूचित रेशम कीट की प्रजातियां अपनी बेहतर उत्पादकता और गुणवत्‍ता के बल पर किसानों की आय बढ़ा देंगी. वस्‍त्र मंत्रालय के अधीनस्‍थ केंद्रीय रेशम बोर्ड प्रायोगिक अनुसंधान में जुटा हुआ है और इसके जरिए वह रेशम कीट के अंडों की प्रजातियों की नई नस्‍लों का विकास कर रहा है. केंद्रीय रेशम बोर्ड इनका वाणिज्यिक उपयोग शुरू किए जाने से पहले व्यापक क्षेत्र परीक्षण करता है.



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