Prem's Career Coaching
Phone No. +91-9302959282, RAIPUR, Chattisgarh


Article : Current Affairs 29aug 2018.
Updated at : Thu, 30 August, 2018 , 11:10:28 AM ( IST )

नोटबंदी के दौरान बंद हुए 99.3 प्रतिशत नोट वापस आए: RBI


भारतीय रिजर्व बैंक की 2017-18 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार नोटबंदी के दौरान बंद किए गए 500 और 1000 के 99.3 प्रतिशत नोट बैंक के पास वापस आ गए हैं. यह रिपोर्ट 29 अगस्त 2018 को जारी की गई थी.

दरअसल, कालेधन और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के मकसद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को देशभर में नोटबंदी लागू करते हुए 500 और 1000 के पुराने नोटों को चलन से बाहर कर दिया था. इसके बाद सरकार ने लोगों को पुराने नोटों को बैंकों में जमा कराने के लिए 50 दिन का समय दिया था.

केंद्रीय बैंक के ताजा आंकड़ों के मुताबिक:

केंद्रीय बैंक के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, रिजर्व बैंक के सभी केंद्रों से जमा कुल 15,310.73 अरब नोट सर्कुलेशन से वापस आए. सालाना आंकड़े में बताया गया है कि मार्च 2018 तक बैंक नोट के सर्कुलेशन में 37.7 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई है. इसी तरह, बैंक नोट का वॉल्यूम 2.1 प्रतिशत बढ़ा है. इसी तरह मार्च 2017 तक 500 रुपये के नए नोट और 2000 रुपये के नोट की सर्कुलेशन हिस्सेदारी 72.7 प्रतिशत दर्ज की गई थी जो मार्च 2018 तक बढ़कर 80.2 प्रतिशत हो गई.

नोटबंदी के समय:

नोटबंदी के समय 08 नवंबर 2016 को मूल्य के हिसाब से 500 और 1000 रुपये के 15.41 लाख करोड़ रुपये के नोट चलन में थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से 15.31 लाख करोड़ रुपये के नोट बैंकों में वापस आ चुके हैं. इसका मतलब है कि बंद नोटों में सिर्फ 10,720 करोड़ रुपये मूल्य के नोट ही बैंकों के पास वापस नहीं आए हैं.

नोटों की छपाई पर खर्च:

नोटबंदी के बाद 2016-17 में रिजर्व बैंक ने 500 और 2,000 रुपये के नए नोट और अन्य मूल्य के नोटों की छपाई पर 7,965 करोड़ रुपये खर्च किए, जो इससे पिछले साल खर्च की गई 3,421 करोड़ रुपये की राशि के दोगुने से भी अधिक है. जुलाई 2017 से जून 2018 के दौरान केंद्रीय बैंक ने नोटों की छपाई पर 4,912 करोड़ रुपये और खर्च किए.

नकली नोट:

केंद्रीय बैंक ने कहा कि पिछले साल की तुलना में 100 रुपये के नकली (जाली) नोट 35 प्रतिशत अधिक पकड़े गए जबकि 50 रुपये के नकली नोटों की संख्या में 154.3 प्रतिशत का इजाफा हुआ. रिजर्व बैंक ने कहा कि 2017-18 में नए 500 रुपये के नोट की 9,892 जाली यूनिट पकड़ी गईं, जबकि 2,000 रुपये के नोट की 17,929 जाली यूनिट पकड़ी गईं.

29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया गया

29 अगस्त: राष्ट्रीय खेल दिवस

राष्ट्रीय खेल दिवस 29 अगस्त 2018 को देशभर में मनाया गया. यह दिवस हॉकी के जादूगर के नाम से प्रसिद्ध भारत के महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती के रूप में मनाया जाता है. इस अवसर पर देश भर के स्कूलों एवं कॉलेजों विभिन्न खेलों के आयोजन किये गये. यह दिवस का आयोजन खेलों को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए किया जाता है.

राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर भारत में खेलों के क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाले और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है. इन पुरस्कारों में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार, अर्जुन पुरस्कार, ध्यानचंद पुरस्कार और द्रोणाचार्य पुरस्कार शामिल हैं. इस अवसर पर खिलाड़ियों के साथ-साथ उनकी प्रतिभा निखारने वाले कोचों को भी सम्मानित किया जाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा श्रद्धांजलि:

एशियन गेम्स के दौरान खेल दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हॉकी के खिलाड़ी मेजर ध्यान चंद को श्रद्धांजलि दी है. प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर खिलाड़ियों की सराहना की और लोगों से खेल और फिटनेस से जुड़ी गतिविधियों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया.

अन्य जानकारी:

पंजाब और चंडीगढ़ में यह दिन बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. हिटलर ने ध्यानचंद को जर्मन नागरिकता और जर्मन सेना में कर्नल बनाने का प्रस्ताव दिया था जिसे 31 साल के ध्यानचंद ने विनम्रता से ठुकरा दिया था.

               राष्ट्रीय खेल दिवस क्यों मनाया जाता है?

राष्ट्रीय खेल दिवस का महत्व असीम है. यह केवल इस दिन का जश्न मनाने के बारे में ही नहीं है बल्कि देश भर में खेलों और खेलों की भावना का जश्न मनाने के बारे में है. इस दिन खेल के महत्व पर प्रकाश डालना और खेल के प्रति जनता का ध्यान आकर्षित करना है.

इस तरह के दिवस युवाओं को रोजगार प्रदान करते हैं और विभिन्न प्रतियोगिताओं में भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन के बारे में जागरूकता पैदा करते हैं. राष्ट्रीय खेल दिवस का मुख्य उद्देश्य खेल के महत्व के बारे में जागरुकता पैदा करना और मानव शरीर के अपने फायदे को समझने के लिए लोगों का ध्यान केंद्रित करना है.

मेजर ध्यानचंद के बारे में:

•    मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ था.

•    मेजर ध्यानचंद भारत के सबसे बड़े हॉकी खिलाड़ी थे.

•    मेजर ध्यानचंद भारतीय फील्ड हॉकी के भूतपूर्व खिलाड़ी एवं कप्तान थे.

•    उन्होंने वर्ष 1926 से वर्ष 1948 के बीच 1000 से अधिक गोल किए थे.

•    उन्होंने भारत को वर्ष 1928 का एम्सटर्डम ओलंपिक, वर्ष 1932 का लॉस एंजिल्स ओलंपिक और वर्ष 1936 का बर्लिन ओलंपिक जीताने में मदद की.

•    वे हॉकी के पैरामीटर बन चुके थे जिसके द्वारा अन्य खिलाड़ियों की क्षमता को मापा जाता हैं.

•    ध्यानचंद केवल 16 वर्ष की उम्र में सेना में शामिल हो गये थे.

•    उनकी गिनती भारत एवं विश्व हॉकी के सर्वश्रेष्ठ खिलाडड़ियों में होती है.

•    वे तीन बार ओलम्पिक के स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य रहे.

•    उन्हें वर्ष 1956 में भारत के प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था.

मंत्रिमंडल ने पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की व्यापक योजना ओ-स्मार्ट को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने व्यापक योजना ‘महासागरीय सेवाओं, प्रौद्योगिकी, निगरानी, संसाधन प्रतिरूपण और विज्ञान (ओ-स्मार्ट) को अपनी मंजूरी प्रदान की है. लगभग 1623 करोड़ रुपये की कुल लागत की यह योजना 2017-18 से 2019-20 की अवधि के दौरान लागू रहेगी. 
इस येाजना में महासागर विकास से जुड़ी 16 उप-परियोजनाओं जैसे – सेवाएं, प्रौद्योगिकी, संसाधन, प्रेषण और विज्ञान को शामिल किया गया है.

महत्व

ओ स्‍मार्ट के अंतर्गत दी जाने वाली सेवाओं से तटीय और महासागरीय क्षेत्रों के अनेक क्षेत्रों जैसे मत्‍स्‍य पालन, समुद्र तटीय उद्योग, तटीय राज्‍यों, रक्षा, नौवहन, बंदरगाहों आदि को आर्थिक लाभ मिलेगा. वर्तमान में पांच लाख मछुआरों को मोबाइल के जरिए रोजाना सूचना मिलती है, जिसमें मछली मिलने की संभावनाएं और समुद्र तट में स्‍थानीय मौसम की स्थिति की जानकारी शामिल है. इससे मछुआरों का तलाशी वाला समय बचेगा जिसके परिणाम स्‍वरूप ईंधन की बचत होगी.

ओ-स्मार्ट से लाभ
•    ओ-स्मार्ट के कार्यान्वयन से सतत विकास लक्ष्य -14 से जुड़े मुद्दों के समाधान में मदद मिलेगी, जिनका उद्देश्य महासागरों के इस्तेमाल, निरंतर विकास के समुद्री संसाधनों का संरक्षण करना है. 
•    यह योजना (ओ-स्मार्ट) नीली अर्थव्यतवस्था के विभिन्न पहलुओं के कार्यान्वयन के लिए आवश्यक वैज्ञानिक और तकनीकी पृष्ठभूमि प्रदान करेगी.
•    ओ-स्मार्ट योजना के अंतर्गत स्थापित आधुनिक पूर्व चेतावनी प्रणालियां, सुनामी, झंझावात जैसी समुद्री आपदाओं से प्रभावी तरीके से निपटने में मदद करेंगी.
•    इस योजना के अंतर्गत विकसित प्रौद्योगिकियां भारत के आस-पास के समुद्रों से विशाल समुद्री सजीव और निर्जीव संसाधनों को उपयोग में लाने में मदद करेंगी.
योजना का विवरण

महासागरीय क्षेत्र में राष्ट्रीय हितों और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं वाली बहु-विषयक योजनाओं के कार्यान्वयन के महत्व को पहचानते हुए मंत्रालय ने व्यापक योजना (ओ-स्मार्ट) के एक हिस्से के रूप में वर्तमान योजनाओं को केन्द्र में रखकर विशेष रूप से जारी रखने का प्रस्ताव रखा है. 
योजना के अंतर्गत दी जाने वाली और विकसित महासागरीय परामर्श सेवाएं और प्रौद्योगिकियां दर्जनों क्षेत्रों की विकास गतिविधियों, भारत के तटवर्ती राज्यों सहित समुद्र तट के परिवेश के कामकाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के साथ ही जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं. इसके अलावा महासागरीय आपदाओं जैसे सुनामी, झंझावात आदि के लिए स्थापित आधुनिक पूर्व चेतावनी प्रणालियां भी भारत और हिंद महासागर के देशों को 24 घंटे सेवाएं प्रदान कर रही हैं, जिसे यूनेस्को द्वारा मान्यता दी गई है.

 



Prem's Career Coaching
Phone No. +91-9302959282, RAIPUR, Chattisgarh