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Article : Current Affairs 14 september2018.
Updated at : Sat, 15 September, 2018 , 06:56:11 AM ( IST )

विद्युत मंत्रालय ने चिलर में ऊर्जा खपत कम करने हेतु महत्वाकांक्षी कार्यक्रम का शुभारंभ किया


भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने देश भर में कम ऊर्जा खपत वाली चिलर (Chiller) प्रणालियां लगाने को प्रोत्साहित करने के लिए 14 सितंबर 2018 को एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम का शुभारंभ किया. चिलर स्टार लेबलिंग कार्यक्रम को ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) ने तैयार किया है. 
इस कार्यक्रम के तहत इनके द्वारा ऊर्जा की खपत करने की दृष्टि से इन्हें स्टार रेटिंग प्रदान करने की परिकल्पना की गई है. आरंभ में यह कार्यक्रम स्वैच्छिक आधार पर शुरू किया गया है और यह 31 दिसंबर, 2020 तक मान्य रहेगा.
चिलर से जुड़े कार्यक्रम का उद्घाटन

•    चिलर का व्यापक उपयोग भवनों में अंतर्निहित जगह के वातानुकूलन और औद्योगिक प्रक्रिया से जुड़ी कूलिंग में किया जाता है. 
•    भारतीय चिलर बाजार का आकार वर्ष 2017 में 1 मिलियन टन वार्षिक था जिसके 3.6 प्रतिशत की सीएजीआर की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया गया है. 
•    खुदरा, आतिथ्य और बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए ही यह अनुमान लगाया गया है. 
•    चूंकि चिलर को ऊर्जा गहन प्रणाली माना जाता है, इसलिए वाणिज्यिक भवनों में 40 प्रतिशत से भी अधिक ऊर्जा की खपत चिलर ही करते हैं. 
•    इसे ध्यान में रखते हुए चिलर ऊर्जा की खपत कम करना और इसके इस्तेमालकर्ताओं के बीच जागरूकता पैदा करना आवश्यक है, ताकि लोग कम ऊर्जा खपत वाले चिलर का इस्तेमाल करने की ओर अग्रसर हो सकें.
ऑनलाइन पहल
बीईई ने इस पहल के तहत आसान एवं त्वरित मंजूरी के लिए एक ऑनलाइन पंजीकरण प्लेटफॉर्म विकसित किया है. निर्मातागण चिलर उपकरण की उपयुक्त स्टार रेटिंग से लाभ उठाने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करा सकते हैं. नामित एजेंसियों से प्राप्त परीक्षण प्रमाण-पत्र के साथ-साथ बीईई की ओर से निर्धारित सत्यापन हो जाने के बाद स्टार लेबल (1 से लेकर 5 तक) प्रदान किया जाएगा. पांच स्टार’ प्राप्त करने वाले उपकरण को सबसे कम ऊर्जा खपत वाला चिलर माना जाएगा.

बिहार में महिलाओं की सहायता हेतु इंदिरा शक्ति एप्प लॉन्च किया गया


राजीव गांधी की 74वीं जयंती के अवसर पर 20 अगस्त 2018 को इंदिरा शक्ति एप्प लॉन्च किया गया. इस मोबाइल एप्प का उद्देश्य मुसीबत में फंसी महिलाओं को त्वरित सहायता एवं सुरक्षा उपलब्ध कराना है.
यह एप्प भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर रखा गया है. भारत में विभिन्न एप्प कार्यरत हैं लेकिन बिहार में अभी तक किसी एप्प की विशेष पहुंच नहीं थी जिसके चलते इंदिरा शक्ति एप्प को लॉन्च किया गया.
इंदिरा शक्ति एप्प की विशेषताएं
•    यह एप्प महिलाओं की सुरक्षा के लिहाज से बनाया गया  बेहद उपयोगी एप्प है. एक बार डाउनलोड करने के बाद यह एप्प ऑफलाइन भी काम करता है. 
•    इसमें सेफ्टी फीचर के तौर पर महिला को चार लोगों के मोबाइल नंबर दर्ज करने होते हैं. आपातकाल में उपयोग हेतु इसमें दो विकल्प दिए गये हैं.
•    पहला, आवश्यकता पड़ने पर एप्प ऑन करें और ‘प्रेस’ बटन को दबाना होता है. बटन दबाते ही दर्ज किये गये नंबर पर स्वतः ही कॉल तथा मेसेज चला जायेगा. 
•    दूसरा, यदि महिला अथवा उपयोगकर्ता मोबाइल अनलॉक करने की स्थिति में नहीं है तो वह मोबाइल के पावर बटन को तीन बार दबाये, इससे दर्ज किये गये नंबरों पर कॉल तो जाएगा ही साथ ही सहायता की मांग का मेसेज भी चला जायेगा.

 

app for women safety

 

क्या है विशेष?

सबसे ख़ास विशेषता यह है कि दोनों ही विकल्पों में मेसेज के साथ-साथ मुसीबत में पड़े व्यक्ति की लोकेशन भी दर्ज किये गये नंबरों पर मेसेज के साथ ही भेजी जाती है. इसे गूगल प्ले स्टोर से निःशुल्क डाउनलोड किया जा सकता है. इसे भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को समर्पित किया गया है तथा उन्हीं के नाम पर इसका नाम रखा गया है.


एप्प विकसित करने में विशेष योगदान देने वाले अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के राष्ट्रीय सचिव (बिहार प्रभारी) राजेश लिलोथिया के अनुसार, एप्प के बारे में अधिक से अधिक महिलाओं को जोडऩे के इरादे से प्रदेश के कॉलेजों और विश्वविद्यालय प्रोफेसरों से मदद ली जा रही है तथा उन्हें सुरक्षा उपायों के बारे में जागरुक भी किया जा रहा है. यह एप्प ‘एसओएस’ की तर्ज पर काम करता है.

भारत में 21.40 लाख लोग एड्स से पीड़ित हैं: नाको रिपोर्ट


राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) द्वारा 14 सितंबर 2018 को एचआईवी आकलन 2017 रिपोर्ट जारी की गई. इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2017 तक भारत में 21.4 लाख लोग एचआईवी से ग्रस्त थे, जिनमें करीब 40 प्रतिशत महिलाएं थीं.
एचआईवी आकलन 2017 की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल एचआईवी के करीब 87580 नए मामले दर्ज किये गए और 69110 लोगों की एड्स की वजह से मृत्यु हो गई. भारत में एचआईवी आकलन का पहला संस्करण 1998 में आया था, जबकि पिछला संस्करण वर्ष 2015 में जारी हुआ था.
नाको द्वारा जारी एचआईवी एड्स रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
•    नाको ने कहा कि वर्ष 2000 के बाद से एचआईवी संक्रमण के सालाना नए मामलों में 60 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है, लेकिन 2010 और 2017 के बीच गिरावट की दर 27 प्रतिशत रही. 
•    यह संक्रमण के नए मामलों में 2020 तक 75 फीसदी कमी लाने के लक्ष्य पर पहुंचने के लिहाज से बहुत पीछे है.
•    रिपोर्ट के अनुसार 2017 में भारत में एचआईवी पीडि़त लोगों (पीएलएचआईवी) की संख्याा लगभग 21.40 लाख थी, इनमें वयस्क  पीडि़तों की संख्याव 0.22 फीसदी थी
•    साल 2000 के मुकाबले एचआईवी संक्रमण की दर 60% कम हुई है. 
•    व्यस्कों में एचआईवी संक्रमण की दर जम्मू-कश्मीर में सबसे कम 0.03% है, जबकि महाराष्ट्र 15% के साथ सबसे आगे है, यहां 3.30 लाख एड्स के मरीज हैं.
पांच राज्यों में बढ़ोतरी
पांच राज्यों को छोड़कर राष्ट्रीय स्तर पर नए संक्रमण के मामले कम हो रहे हैं. इन पांच राज्यों में अरुणाचल प्रदेश, असम, मिजोरम, मेघालय और उत्तराखंड हैं. इन राज्यों में 2010 की तुलना में पिछले साल इन मामलों में बढ़ोतरी हुई. संसद के एक पैनल ने स्वास्थ्य मंत्रालय से एचआईवी संक्रमितों के लिए देश भर में एंटी-रेट्रोवायरल उपचार केंद्र स्थापित करने और इसे जोड़ने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा था. इससे एचआईवी प्रभावित मरीजों के इलाज के लिए ‘सस्ती और प्रभावकारी’ दवाएं उपलब्ध हो सकेंगी.
रिपोर्ट में दर्ज की गई कमी
रिपोर्ट में बताया गया है कि 1995 में एड्स महामारी की अधिकता की तुलना में कार्यक्रम के प्रभाव में इसके संक्रमण में 80 फीसदी से अधिक की कमी आई है. इसी तरह 2005 में एड्स से संबंधित मौत की अधिकता की तुलना में 71 फीसदी की कमी आई है. यूएन-एड्स 2018 की रिपोर्ट के अनुसार एड्स के नये संक्रमण और एड्स से संबंधित मौतों का वैश्विक औसत घटकर क्रमश: 47 फीसदी और 51 फीसदी तक आ गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता ही सेवा अभियान आरंभ किया


स्वच्छ भारत मिशन के तहत 15 सितंबर 2018 को देश में 'स्वच्छता ही सेवा' अभियान का आरंभ हुआ. 15 सितंबर से आरंभ होकर गांधी जयंती तक चलने वाले कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पटना स्थित सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह महाराज की जन्मस्थली एवं तख्त श्री हरिमंदिर पटना साहिब में भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद स्थापित कर रहे हैं.
इस अभियान के तहत ही प्रधानमंत्री ने देशवासियों को संदेश दिया और वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये देश के अलग-अलग 18 स्थानों पर विभिन्न क्षेत्रों के लोगों से संवाद किया.

प्रधानमंत्री द्वारा वीडियो संवाद

प्रधानमंत्री ने सबसे पहले देश के पूर्वी इलाके असम के डिब्रूगढ के स्‍वच्‍छताग्रहियों से संवाद स्‍थापित किया. इसके बाद प्रधानमंत्री ने पश्चिमी छोर पर गुजरात में संवाद किया. इसके बाद सदी के महानायक अमिताभ बच्‍चन ने अपना संदेश दिया, फिर प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा से उनका संवाद हुआ. प्रधानमंत्री ने अपने वीडियो संदेश में सभी से ‘स्वच्छता ही सेवा’ आंदोलन का हिस्सा बनने और 'स्वच्छ भारत' बनाने के प्रयासों को मजबूत करने का आग्रह किया.

अभियान का उद्देश्य
‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान का उद्देश्य स्वच्छता से जुड़े कार्यों में ज्यादा से ज्यादा जन सहभागिता सुनिश्चित करना है. यह अभियान 2 अक्टूबर, 2018 को स्वच्छ भारत मिशन की चौथी वर्षगांठ से ठीक पहले आयोजित किया जा रहा है. यह महात्मा गांधी की 150वीं जयंती से जुड़े समारोहों के शुभारंभ को भी दर्शाता है. स्वच्छ भारत मिशन का लक्ष्य 2 अक्तूबर, 2019 तक स्वच्छ और खुले में शौच से मुक्त भारत के लक्ष्य को हासिल करना है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस लक्ष्य के कारण शौचालयों के निर्माण में बढ़ोतरी हुई है और इसका उपयोग करने वालों की संख्या भी बढ़ी है.

स्वच्छ भारत मिशन के तहत अन्य पहलें 
•    अंतर-मंत्रिस्तरीय परियोजनाओं में स्वच्छता पखवाड़ा, नमामि गंगे, स्वच्छता कार्य योजना, स्वच्छ-स्वस्थ-सर्वत्र अभियान, स्कूल स्वच्छता अभियान, आंगनवाड़ी स्वच्छता अभियान, रेलवे स्वच्छता जैसे कार्यक्रम शामिल हैं. 
•    अंतर-क्षेत्रीय सहयोग में स्वच्छ विख्यात स्थान, उद्योग जगत की भागीदारी, परस्पर धर्म सहयोग, मीडिया अनुबंध और संसद अनुबंध जैसे कार्य शामिल हैं.
•    76 केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों में  स्वच्छता कार्य योजना को विकसित किया गया है.
•    इंटरनेट आधारित पोर्टल बनाए गए हैं ताकि प्रगति की निगरानी की जा सके और कार्यान्वयन स्थिति को रेखांकित किया जा सके.

 



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