[ Online Quiz ] General knowledge 16 december 2018 (History-इतिहास)
Posted on Sun, 16 Dec 2018, 6:43 AM
प्रिय छात्रों ,
आप सभी को पता है छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ,छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल एवं अन्य विभाग द्वारा विज्ञापन जारी कर दिया गया है । इसका अभिप्राय है आगामी 2 से 3 माह बाद आप सभी की परीक्षाएं होंगी ।उन सभी परीक्षाओं में सामान्य अध्ययन का विशेष स्थान है । इसलिए हम आपके लिए सामान्य अध्ययन में इतिहास से संबंधित 20 महत्वपूर्ण प्रश्न उपलब्ध करा रहे हैं ।जिनका उत्तर व्याख्यात्मक रूप में दिया गया है आप इन प्रश्नों एवं उसकी व्याख्या को अच्छे से पढ़ कर समझ ले जिससे कि आगामी परीक्षा में आपको बहुत सुविधा हो और आप अपनी सफलता सुनिश्चित कर सकें।
Questions Are :-
Question 1 :
आर्यों को एक जाति कहने वाला प्रथम यूरोपियन कौन था
A. एचएच विल्सन
B. विलियम जोंस
C. जेम्स स्मिथ
D. इनमें से कोई नहीं
Option's are:
Selection Type : Single Selection
Option 1
Incorrect
A
Option 2
Incorrect
B
Option 3
Incorrect
C
Option 4
Correct
D
Answer
भारत में वैदिक सभ्यता आर्यों की देन है . इन्हें सबसे पहले एक जाति कहने वाला यूरोपियन विद्वान मैक्स मूलर था. मैक्स मूलर के अनुसार आर्यों का मूल स्थान मध्य एशिया था .जहां यह एक बर्बर जाति थी ।उनके अनुसार भारत में आर्यों का आगमन 1500 ईसा पूर्व में हुआ था .यह सभ्यता सिंधु सभ्यता के पतन के पश्चात उभरी जो मूलतः ग्रामीण थी । इस सभ्यता की जानकारी ऋग्वेद से प्राप्त होती है।
बौद्ध धर्म निम्नलिखित में से किन बातों पर विश्वास करता है
1. संसार दुख से भरा है .
2. लोगों को दुख उनकी इच्छाओं के कारण होता है .
3. यदि इच्छाओं पर काबू पा लिया जाए तो निर्वाण मिल जाएगा .
4. ईश्वर और आत्मा के अस्तित्व को स्वीकार करना चाहिए.
A. 1,2,3,4
B. 2,3
C. 1,2,3
D. 2,3
Option's are:
Selection Type : Single Selection
Option 1
Incorrect
A
Option 2
Incorrect
B
Option 3
Correct
C
Option 4
Incorrect
D
Answer
बौद्ध धर्म का उदय छठी शताब्दी ईसा पूर्व में हुआ. यह धर्म ईश्वरवादी और अनात्मावादी था।
इसके अनुसार दुनिया दुखों से भरा हुआ है ।लोगों को दुख उनकी इच्छाओं के कारण होता है ,यदि व्यक्ति अपनी सभी इच्छाओं पर काबू पा ले तो उसे निर्वाण मिल जाएगा । बुद्ध धर्म ईश्वर और आत्मा के अस्तित्व को स्वीकार नहीं करता । इसमें दुखों को हरने वाले तथा इच्छा को नाश करने वाले अष्टांगिक मार्ग बताए गए हैं, जो इसके 8 अंग है।
राष्ट्रकूट राजवंश का संस्थापक दन्तिदुर्ग था । इसकी राजधानी मालखेट या मान्यखेत थी ।यह राजवंश दक्षिण भारत में पाल और प्रतिहार वंश का समकालीन था । मान्यखेत आधुनिक सोलापुर के निकट स्थित है। दन्तिदुर्ग ने बादामी के चालुक्य शासक कीर्तिवर्मन को पराजित किया था । इसलिए चालुक्य शासक विक्रमादित्य ने उसे पृथ्वी वल्लभ और खड़वालोक की उपाधि दी।
गांधार कला का विकास कुषाण काल में गांधार कला का विकास तेजी से हुआ. भरहुत एवं सांची में कनिष्क द्वारा निर्मित स्तूप गंधार कला का उदाहरण है . गंधार कला को महायान धर्म के विकास से प्रोत्साहन मिला।
भारत पर आक्रमण करने वाला पहला मुस्लिम आक्रमणकारी मोहम्मद बिन कासिम था . 712 ईसवी में मोहम्मद बिन कासिम के नेतृत्व में सिंध पर अरब आक्रमण हुआ था .इस आक्रमण का तत्कालीन कोई स्थाई परिणाम नहीं निकला ,किंतु अरबों के आक्रमण नेंं भारतीय जनजीवन को अत्यधिक प्रभावित किया । अरबों के आक्रमण की जानकारी फारसी पुस्तक "चचनामा" से मिलती है.
निम्न में से किस मुस्लिम बादशाह ने मूल्य नियंत्रण पद्धति को पहली बार लागू किया
A. अलाउद्दीन खिलजी
B. इल्तुतमिश
C. हुमायूं
D. अकबर
Option's are:
Selection Type : Single Selection
Option 1
Correct
A
Option 2
Incorrect
B
Option 3
Incorrect
C
Option 4
Incorrect
D
Answer
सल्तनत कालीन मुस्लिम बादशाहों मे से अलाउद्दीन खिलजी द्वारा 'बाजार नियंत्रण या मूल्य नियंत्रण पद्धति' को लागू किया गया था .ऐसा करने वाला वह दिल्ली का पहला सुल्तान एवं मुस्लिम बादशाह था .उसने बाजार में आयातित सभी अनाजों की सूची एवं उनका मूल्य निर्धारण कर सभी दुकानदारों को अपने दुकानों में चस्पा करना अवश्यक कराया था। जिससे खरीदारों को सुविधा हो।
मुगल काल में शासन व्यवस्था को सुचारू रूप से स्थापित करने का श्रेय अकबर को दिया जाता है. अकबर के शासनकाल में ही सामाजिक आर्थिक सुधार हुए थे .अकबर का प्रांतीय शासन व्यवस्था, लगान व्यवस्था, मुद्रा व्यवस्था, मनसबदारी प्रथा एवं भू राजस्व व्यवस्था अत्यंत सफल रही .उदार धार्मिक नीति के अंतर्गत उसने दास प्रथा का अंत ,तीर्थंकर तथा जजिया कर को समाप्त कर दिया था. सामाजिक सुधारों के अंतर्गत उसने बाल विवाह एवं सती प्रथा को रोकने का प्रयास किया.
वास्कोडिगामा 20 मई 1498 को भारत के पश्चिमी तट कालीकट पर उतरा था. उसने भारत के नए समुद्री मार्ग की खोज की थी. वास्कोडिगामा के भारत आगमन से पुर्तगालियों एवं भारत के मध्य व्यापार के क्षेत्र में नए युग की शुरुआत हुई। उसने भारत में काली मिर्च के व्यापार में लगभग 60 गुना अधिक मुनाफा कमाया. जिससे अन्य व्यापारियों को भी प्रोत्साहन मिला.
भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी की पहली फैक्ट्री कहां स्थापित हुई थी
A. सूरत
B. गोवा
C. बंगाल
D. मसूलिपटम
Option's are:
Selection Type : Single Selection
Option 1
Correct
A
Option 2
Incorrect
B
Option 3
Incorrect
C
Option 4
Incorrect
D
Answer
कैप्टन विलियम हॉकिंस ने 1608 ई में मुगल दरबार में जहांगीर से सूरत में फैक्ट्री की स्थापना हेतु अनुमति लेने गया था किंतु वह सफल ना हो सका । 1611 में कैप्टन मिडलटन ने सूरत में व्यापार करने हेतु वहां के मुगल गवर्नर से अनुमति प्राप्त कर ली ।यहां से अंग्रेजों ने अपने व्यापार को भारत से अन्य देशों में पहुंचाया ।धीरे-धीरे उन्होंने अहमदाबाद ,बुरहानपुर ,अजमेर ,आगरा सहित देश के अन्य हिस्सों में भी फैक्ट्रियां स्थापित की.
मुगल सम्राट द्वारा नियुक्त बंगाल का अंतिम गवर्नर कौन था
A. मुर्शीद कुली खाँँ
B. सरफराज खान
C. अली कुली खां
D. शुजाउद्दौला
Option's are:
Selection Type : Single Selection
Option 1
Correct
A
Option 2
Incorrect
B
Option 3
Incorrect
C
Option 4
Incorrect
D
Answer
उत्तर मुगल शासक फर्रूखसियर ने 1717 ई में मुर्शिद कुली खां को बंगाल का गवर्नर नियुक्त किया था । मुर्शिद कुली खां ने बंगाल में नई भू राजस्व व्यवस्था के अंतर्गत किसानों को 'तकाबी ऋण 'प्रदान किया तथा बंगाल में 'इजारेदारी प्रथा 'को बढ़ावा दिया . 1726 में मुर्शिद कुली खां की मृत्यु के बाद शुजाउद्दौला बंगाल का नवाब बना।
भारत में सिविल सेवा की शुरुआत गवर्नर जनरल लॉर्ड कार्नवालिस के समय में हुआ। इनको भारत में सिविल सेवा का जनक कहा जाता है । इसके अतिरिक्त कार्नवालिस ने पुलिस कर तथा व्यापार क्षेत्र में सुधार किए । उसने प्रशासन में कार्यकुशलता के लिए अधिकारियों को घूस तथा निजी व्यवसाय पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया।
किस गवर्नर जनरल पर ब्रिटिश संसद में महाभियोग का मुकदमा चलाया गया
A. सरजॉन शोर
B. लॉर्ड ऑकलैंड
C. एलनबरो
D. वारेन हेस्टिंग
Option's are:
Selection Type : Single Selection
Option 1
Incorrect
A
Option 2
Incorrect
B
Option 3
Incorrect
C
Option 4
Correct
D
Answer
गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स के अन्याय पूर्ण तथा निरंकुश कार्यों के कारण उस पर महाभियोग का मुकदमा चलाया गया ,जो ब्रिटिश संसद में 1788 से 1795 तक चलता रहा किंतु उसकी सेवाओं को देखते हुए ब्रिटिश संसद ने उसे सभी दोषों से मुक्त कर दिया.
सती प्रथा का उन्मूलन करने के लिए सर्वाधिक योगदान किस का रहा
A. दयानंद सरस्वती
B. लॉर्ड विलियम बैंटिक
C. राजा राम मोहन रॉय
D. इनमें से कोई नहीं
Option's are:
Selection Type : Single Selection
Option 1
Incorrect
A
Option 2
Incorrect
B
Option 3
Incorrect
C
Option 4
Correct
D
Answer
सती प्रथा के विरुद्ध सर्वाधिक प्रयास राजा राममोहन राय ने किया था । इन्होंने ही लॉर्ड विलियम के सहयोग से 1829 के अधिनियम के नियम 17 द्वारा सती प्रथा को अवैध घोषित कर दिया। इस अधिनियम के अनुसार विधवाओं को जीवित जलाना बंद कर दिया गया.
ब्रिटिश शासन द्वारा भारत कंपनी शासन में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं कुप्रशासन को दूर करने के लिए 1773 का रेगुलेटिंग एक्ट पारित किया गया । इस अधिनियम के अंतर्गत मद्रास एवं मुंबई प्रेसिडेंसी को कोलकाता प्रेसिडेंसी के अधीन कर दिया गया । बंगाल के गवर्नर को ब्रिटिश क्षेत्रों का गवर्नर जनरल कहा जाने लगा । बंगाल का प्रथम गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स था।
महात्मा बुद्ध द्वारा स्थापित बौद्ध धर्म की विस्तार में बौद्ध धर्म की सादगी , स्थानीय भाषाओं का प्रयोग के साथ -साथ निम्न जातियों के लिए धर्म में स्थान के साथ- साथ दलितों के लिए विशेष स्थान था.महात्मा बुद्ध ने पाली भाषा में धर्म का प्रचार किया. दार्शनिकों द्वारा वैदिक भावना की सदृढ़ता इस धर्म की विशेषता नहीं थी, क्योंकि बौद्ध धर्म ने वैदिक धर्म का विरोध किया था।
यूनानी शासक सिकंदर ने 327 ईसा पूर्व में भारत अभियान किया था । इस समय उत्तर भारत में कोई स्थाई तथा केंद्रीय सत्ता कायम नहीं थी ।बल्कि यह क्षेत्र 28 स्वतंत्र शक्तियों द्वारा शासित था। इनमें आपसी एकता नहीं थी। इसके अलावा इस समय सिकंदर को आम्मी जैसे देशद्रोही का समर्थन प्राप्त हुआ तथा सिकंदर की सेना निःसंदेह प्रशिक्षित और कई विजय युद्धों का अनुभव हासिल कर भारत में आई थी। इन सब का योगदान भारत विजय में था ,परंतु यह कहना कि उसके विजय में उसके कुशल प्रशासक का गुण विद्यमान था तो यह उचित नहीं है।
बाबर द्वारा लिखित आत्मकथा 'तुजुक -ए -बाबरी' या 'बाबरनामा ' मूल रूप से तुर्की में लिखा गया था. यहां यह ध्यान रखना आवश्यक है कि उस काल में मुगलों की दरबारी भाषा तुर्की ना होकर फारसी थी.
दिल्ली सल्तनत का वह सुल्तान जो भारत में नहरों के सबसे बड़े जाल का निर्माण करने के लिए प्रसिद्ध था, वह कौन था .
A. इल्तुतमिश
B. ग्यासुद्दीन तुगलक
C. फिरोजशाह तुगलक
D. सिकंदर लोदी
Option's are:
Selection Type : Single Selection
Option 1
Incorrect
A
Option 2
Incorrect
B
Option 3
Correct
C
Option 4
Incorrect
D
Answer
मोहम्मद बिन तुगलक के पश्चात दिल्ली सल्तनत की गद्दी पर बैठने वाला शासक फिरोजशाह तुगलक था । उसने दिल्ली तथा उसके आसपास बड़ी संख्या में नहरों का पुनर्निर्माण और निर्माण करवाया ।इसका उद्देश्य नहरों के निर्माण से कृषि उपज में वृद्धि कर राज्य की आमदनी को बढ़ाना था । इल्तुतमिश को इक्ता व्यवस्था के जनक के रूप में जाना जाता है । सिकंदर लोदी , लोदी वंश का शासक था।