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Article : Current Affairs 23 july2018.
Updated at : Tue, 24 July, 2018 , 07:38:16 AM ( IST )

सुप्रीम कोर्ट ने जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन पर लगी पूर्ण प्रतिबंध हटाया


सुप्रीम कोर्ट ने 23 जुलाई 2018 को कहा कि जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने या धरना देने पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लग सकता है. कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया कि वह ऐसे प्रदर्शनों की अनुमति देने के लिए दिशा-निर्देश तय करे.

जस्टिस एके सिकरी और अशोक भूषण की पीठ ने आंदोलनकारियों को जंतर-मंतर, बोट क्लब और अन्य जगहों पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की इजाजत दे दी है.

फैसले से संबंधित मुख्य तथ्य:

  • सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के जंतर मंतर और बोट क्लब और अन्य जगहों पर धरना और प्रदर्शन पर लगी रोक को हटाने का आदेश दिया. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि धरना और प्रदर्शन पर पूरी तरह रोक नहीं लगा सकते.
  • कोर्ट ने आंदोलनकारियों को दिल्ली पुलिस के दिशा निर्देश के तहत प्रदर्शन करने की छूट दी गई है और दिल्ली पुलिस को आंदोलन को लेकर दिशा-निर्देश तय करने का निर्देश दिया है.
  • मजदूर किसान शक्ति संगठन और अन्य लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश को चुनौती दी थी और सेंट्रल दिल्ली में शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन करने की इजाजत देने की मांग की थी.

पृष्ठभूमि:

  • एनजीटी ने 05 अक्टूबर 2017 को जंतर मंतर क्षेत्र में सभी तरह के प्रदर्शन और धरनों पर रोक लगा दी थी.
  • एनजीटी ने कहा था कि प्रदर्शनकारियों द्वारा इस क्षेत्र का लगातार इस्तेमाल वायु प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम, 1981 समेत पर्यावरणीय कानूनों का उल्लंघन है.
  • कोर्ट ने नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) को तब कनॉट प्लेस के निकट स्थित जंतर मंतर रोड़ से सभी अस्थायी ढांचों, लाउडस्पीकरों और जन उद्घोषणा प्रणालियों को हटाने के निर्देश दिए थे.
  • एनजीटी ने प्रदर्शनकारियों, आंदोलनकारियों और धरने पर बैठे लोगों को वैकल्पिक स्थल के रूप में अजमेरी गेट में स्थित रामलीला मैदान में तुरंत स्थानांतरित करने के अधिकारियों को निर्देश दिया था.
  • एनजीटी ने अपने आदेश में कहा था कि इसके आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को शांतिपूर्ण और आरामदायक ढंग से रहने का अधिकार है और उनके आवासों पर प्रदूषण मुक्त वातावरण होना चाहिए.
  • एनजीटी ने यह फैसाल एक याचिका पर सुनाया था. याचिका में आरोप लगाया गया था कि जंतर-मंतर पर सामाजिक समूहों, राजनीतिक पार्टियों, एनजीओ द्वारा किये जाने वाले आंदोलन और जुलूस क्षेत्र में ध्वनि प्रदूषण का एक बड़ा स्रोत हैं.
    1. बिहार विधानसभा ने शराबबंदी संशोधन विधेयक को मंजूरी दी

    बिहार विधानसभा ने 23 जुलाई 2018 को शराबबंदी कानून में संशोधन को मंजूरी दे दी है. इन संशोधनों के जरिये शराबबंदी कानून को पहले के मुकाबले काफी हद तक नरम किया गया है.

    बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिल पेश करने के दौरान कहा कि राज्य में शराबबंदी लागू होने से काफी फायदा हुआ है. इस कानून को पेश करते हुए मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी गरीब आदमी के लिए लाया गया था. गरीब लोग अपनी आय का बड़ा हिस्‍सा शराब खरीदने पर खर्च कर रहे थे. घरेलू हिंसा बढ़ गई थी.

    संशोधित विधेयक से संबंधित मुख्य तथ्य:

    • पहली बार शराब पीने पर पकड़े जाने की स्थिति में आरोपित पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा या फिर उसे तीन महीने जेल की सजा काटनी होगी. यही नहीं, पहले इस कानून का उल्लंघन करने वालों के लिए जमानत का प्रावधान नहीं था लेकिन, अब इस कानून में जमानत का विकल्प जोड़ दिया गया है.
    • हालांकि दूसरी बार इस कानून का उल्लंघन करने वालों के लिए एक लाख रुपये के जुर्माने और पांच साल की सजा का प्रावधान किया गया है.
    • संशोधन से पहले यदि किसी भवन से शराब बरामद होती थी तो उस भवन को जब्त करने का प्रावधान था. लेकिन अब इसे खत्म कर दिया गया है.
    • इसके अतिरिक्त सभी बालिग सदस्यों को गिरफ्तार किए जाने की व्यवस्था थी लेकिन अब सिर्फ शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने वाले को ही गिरफ्तार किए जाने का प्रावधान किया गया है.
    • किसी गांव में शराब बनाने के धंधे का पता चलने पर सामूहिक जुर्माने का प्रावधान था. अब इसे खत्म कर दिया जाएगा.
    • किरायेदार के पास अगर शराब मिलती है तो घर जब्त नहीं होगा. आरोपित पर मुकदमा होगा.

    पृष्ठभूमि:

    बता दें कि 5 अप्रैल 2016 से बिहार में किसी भी शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगा हुआ है. इसमें नीतीश सरकार ने देसी शराब के बनाने से लेकर उसके बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगा दी. आरम्भ में केवल देसी शराब पर रोक थी बाद में सभी प्रकार की शराब की बिक्री को प्रतिबन्धित कर दिया गया.

    किसी घर से शराब की बोतल बरामद होने पर उस परिवार के सभी व्यस्क सदस्यों की गिरफ्तारी का प्रावधान था. इस निर्णय के बाद बिहार देश का चौथा राज्य बना गया था जहां शराब बेचना और खरीदना पूर्णतया प्रतिबंधित है. गुजरात, नागालैंड और मिजोरम में शराबबंदी कानून पहले से ही लागू है.

    लगभग सवा लाख से अधिक मुकदमे विभिन्न न्यायालयों में चल रहा है, जिसकी सुनवाई में काफी दिक्कत हो रही है. इन सभी मुद्दों को देखकर शराब बंदी कानून में बदलाव किया जाएगा.

    भारत और रवांडा के बीच आठ समझौते पर हस्ताक्षर


    भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और रवांडा के राष्ट्रपति पॉल कागामे के बीच किगाली में प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता के बाद आठ समझौतों पर हस्ताक्षर किए.

    भारत को अफ्रीकी देशों के करीब लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन अफ्रीकी देशों के दौरे के पहले चरण पर 23 जुलाई 2018 को रवांडा पहुंचे.

    भारत रवांडा के ट्रेनिंग, तकनीक, आधारभूत विकास और प्रोजेक्ट असिस्टेंस के क्षेत्र में सहयोग करता रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने रवांडा के राष्ट्रपति पॉल कागमे के साथ विस्तृत बातचीत की और व्यापार एवं कृषि के क्षेत्र में सहयोग मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की.

     India, Rwanda sign 8 agreements

    समझौते से संबंधित मुख्य तथ्य:

    • भारत ने किगाली में विशेष आर्थिक क्षेत्र और तीन कृषि परियोजनाओं के लिए 20 करोड़ डॉलर ऋण देने की पेशकाश की.
    • भारत कई औद्योगिक पार्क के विकास और रवांडा में किगाली विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) के लिये 10 करोड़ डॉलर तथा कृषि के लिये 10 करोड़ डॉलर को रवांडा को कर्ज देगा.
    • दोनों देशों ने चमड़ा एवं इससे संबद्ध क्षेत्रों और कृषि अनुसंधान के क्षेत्र में समझौतों पर हस्ताक्षर किये हैं.
    • यह समझौता अनुसंधान, तकनीकी विकास और मानव संसाधन विकास के साथ-साथ निवेश संगठनात्मकता पर जोर देने के साथ कृषि और पशुधन में सहयोग को गहरा कर देगा.
    • राष्ट्रपति कागमे के साथ बातचीत के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की कि भारत जल्द रवांडा में अपना दूतावास खोलेगा. इससे दोनों देशों की संबंधित सरकारों के बीच ना सिर्फ संवाद स्थापित होगा बल्कि वाणिज्य संबंधी, पासपोर्ट, वीजा के लिये सुविधाएं भी सुनिश्चित होंगी.
    • प्रधानमंत्री मोदी ने कहा की रवांडा के आर्थिक विकास की यात्रा में उसके साथ कंधा से कंधा मिलाकर खड़ा रहना भारत के लिए गौरव की बात है. इस देश की विकास यात्रा में भारत की मदद कायम रहेगी.
    • प्रधानमंत्री मोदी रवांडा के राष्ट्रपति पॉल कागामे को सामाजिक योजना में मदद के तौर पर तोहफे में 200 गाय दिए.

    यह यात्रा, भारतीय प्रधान मंत्री द्वारा पहली बार, लंबे समय से दोस्ती और रवांडा और भारत के बीच सहयोग के बीच एक मील का पत्थर दर्शाती है.

    रवांडा पहुंचने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी:

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने 5 दिवसीय अफ्रीकी दौरे पर 23 जुलाई 2018 को रवांडा पहुंच गए जहां उनका स्वागत राष्ट्रपति पॉल कगामे ने किया. गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी रवांडा का दौरा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं.

    रवांडा के बाद प्रधानमंत्री युगांडा पहुंचेंगे फिर वहां से दक्षिण अफ्रीका जाएंगे. दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में उन्हें BRICS (बांग्लादेश, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका संगठन) के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेना है.

    साथ ही, पीएम मोदी फरवरी में दक्षिण अफ्रीका की सत्ता संभालने वाले राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे. दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स नेताओं का 10वां शिखर सम्मेलन हो रहा है.

    प्रधानमंत्री मोदी का यह दूसरा अफ्रीका दौरा होगा. इससे पहले वह 2016 में मोजाम्बिक, दक्षिण अफ्रीका, तंजानिया और केन्या के दौरे पर गए थे.


    भारत ने रवांडा के साथ अपने रिश्तों को मजबूत किया है. इसे पूर्वी अफ्रीका के प्रवेश-द्वार के रूप में देखा जा रहा है और इसी के मद्देनजर जनवरी 2017 में भारत ने रवांडा के साथ रणनीतिक साझेदारी की.

    भारत ने रवांडा को 40 करोड़ डॉलर का कर्ज दिया है और वहां भारत की ओर से प्रशिक्षण छात्रवृति कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं.

     



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