केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 24 जुलाई 2018 को नई दिल्ली में पोषण अभियान के तहत भारत की पोषण चुनौतियों पर राष्ट्रीय परिषद की दूसरी बैठक आयोजित की. बैठक की अध्यक्षता नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने की थी.
मुख्य तथ्य:
पोषण अभियान (राष्ट्रीय पोषण मिशन): |
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अन्य जानकारी:
महिला और बाल विकास मंत्रालय ने योग दिशा निर्देश तैयार करने के लिए आयुष मंत्रालय से सहायता मांगी:
महिला और बाल विकास मंत्रालय ने किशोरियों, गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं तथा तीन से छह वर्ष की आयु के बच्चों के लिए योग दिशा निर्देश तैयार करने के लिए आयुष मंत्रालय से सहायता मांगी है.
आयुष मंत्रालय ने महिला और बाल विकास मंत्रालय की सलाह से मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान की सहायता से योग की चार प्रोटोकॉल पुस्तिकाएं तैयार की हैं. इसे बैठक के दौरान जारी किया गया.
महिला और बाल विकास मंत्रालय ने नास्काम फाउंडेशन के साथ जुड़ने की इच्छा जताई है.
महिला और बाल विकास मंत्रालय सभी 36 राज्यों / केन्द्र शासित प्रदेशों में पोषण अभियान चलाने के लिए नास्कम फाउंडेशन के साथ समझौता ज्ञापन कर सकता है.
इसके तहत कंपनियों, सामाजिक संगठनों तथा करोबारी घरानों के साथ साझेदारी विकसित की जायेगी ताकि देशभर में पोषण पर जन आंदोलन चलाया जा सके.
शोधकर्ताओं ने मंगल ग्रह पर पहली बार भूमिगत झील की खोज की. अमेरिकी जर्नल 'साइंस' में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कहा है कि मंगल पर बर्फ के नीचे स्थित झील करीब 20 किलोमीटर चौड़ी है और यहां बर्फ की परत जमी है.
ऑस्ट्रेलिया के स्विनबर्न विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर एलन डफी ने कहा कि इससे जीवन के अनुकूल परिस्थितियों की संभावनाएं खुलती हैं.
मुख्य तथ्य:
कैसे हुई झील की खोज़:
ये नई खोज मार्सिस की मदद से संभव हो सकी है. मार्सिस मार्स एक्सप्रेस ऑर्बिटर पर मौजूद एक राडार उपकरण है. इस यान को 2003 में लॉन्च किया गया था.
ऐस्ट्रोबायोलॉजी क्या है?
पानी की स्थिति ऐस्ट्रोबायोलॉजी में बेहद महत्वपूर्ण है. इस क्षेत्र में धरती के अलावा जीवन की संभावनाओं के बारे में अध्ययन किया जाता है.
अन्य जानकारी:
गौरतलब है कि इससे पहले अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने घोषणा की कि मंगल ग्रह पर 2012 में उतरे खोजी रोबोट क्यूरियोसिटी को चट्टानों में तीन अरब साल पुराने कार्बनिक अणु मिले हैं. यह खोज इशारा करती है कि उस समय इस ग्रह पर जीवन रहा होगा.
मंगल ग्रह:
मंगल सौरमंडल में सूर्य से चौथा ग्रह है. पृथ्वी से इसकी आभा रक्तिम दिखती है, जिस वजह से इसे "लाल ग्रह" के नाम से भी जाना जाता है.
मंगल भी एक स्थलीय धरातल वाला ग्रह है. इसका वातावरण विरल है. इसकी सतह देखने पर चंद्रमा के गर्त और पृथ्वी के ज्वालामुखियों, घाटियों, रेगिस्तान और ध्रुवीय बर्फीली चोटियों की याद दिलाती है. इस गृह पर जीवन होने की संभावना है. मंगल ग्रह की परिक्रमा तीन कार्यशील अंतरिक्ष यान मार्स ओडिसी, मार्स एक्सप्रेस और टोही मार्स ओर्बिटर है, यह सौर मंडल में पृथ्वी को छोड़कर किसी भी अन्य ग्रह से अधिक है
भारत में प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई के दिन कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है. इस दिन कारगिल संघर्ष में शहीद हुए सैनिकों को पूरे देश में श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है.
कारगिल विजय दिवस पर सारा देश युद्ध में जान न्यौछावर करने वाले शहीदों को याद कर रहा है. सबकी आंखों में शहीदों के लिए सम्मान झलक रहा है. कारगिल संघर्ष के दौरान शहीद हुए उन सैंकड़ों सैनिकों को स्मरण किया जाता है जिनकी बदौलत हमारी सीमा और देश की सुरक्षा हो सकी.
कारगिल दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी:
प्रधानमंत्री मोदी ने कारगिल विजय दिवस के अवसर पर शहीदों को याद करते हुए ट्वीट कर लिखा, 'कारगिल विजय दिवस पर राष्ट्र उन लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है, जिन्होंने ऑपरेशन विजय के दौरान देश की सेवा की.
कारगिल विजय दिवस के अवसर पर सारा देश अपने वीर जवानों को याद कर रहा है. देश के विभिन्न हिस्सों में सेना के जवानों को श्रद्धांजलि दी जा रही है. इस अवसर पर दिल्ली में इंडिया गेट पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, सेनाध्यक्ष जनरल बिपीन रावत, नौसेना अध्यक्ष एडमिरल सुनील लांबा, वायुसेना अध्यक्ष बिरेन्द्र सिंह धनोआ ने शहीदों को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी.
पृष्ठभूमि:
वर्ष 1999 में पाकिस्तानी सेना और कश्मीरी उग्रवादियों ने कारगिल में नियंत्रण रेखा पार कर भारत के नियंत्रण वाले क्षेत्र पर कब्ज़ा करने की कोशिश की थी जिससे दोनों देशों के बीच संघर्ष छिड़ गया. यह युद्ध मई से लेकर जुलाई तक चला. इसमें 26 जुलाई को भारत ने जीत हासिल की.
उसी दिन से 26 जुलाई के दिन कारगिल शहीदों को पूरे देश में श्रद्धांजलि दी जाती है तथा इस दिन को कारगिल विजय दिवस के रूप में याद किया जाता है. वर्ष 2018 को 19वां कारगिल विजय दिवस मनाया जा रहा है.
भारत की ओर से जारी एक बयान में कहा गया था कि इस कार्रवाई में सेना के 527 जवान शहीद हुए और लगभग 1363 घायल हुए थे.
कारगिल युद्ध:
कारगिल युद्ध 03 मई 1999 से शुरू हुआ लगभग ढाई महीने चला और 26 जुलाई 1999 को समाप्त हुआ. देशभर में सैनिक, पुलिस और आम लोग भी कारगिल विजय दिवस के दिन देशभक्ति कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं.
युद्ध के बाद कैप्टन विक्रम बत्रा (मरणोपरांत), लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडेय (मरणोपरांत), रायफलमैन संजय कुमार और ग्रेनेडियर योगेन्द्र सिंह यादव को भारत के उच्चतम वीरता पुरस्कार परम वीर चक्र से सम्मानित किया गया.