ऑपरेशन ‘निस्तार’ : भारतीय नौसेना ने यमन से 38 भारतीयों
को सफलतापूर्वक निकाला
गुजरात में पोरबंदर बंदरगाह से प्रवेश करने के बाद भारतीय नौसेना के
जहाज सुनयना ने 38 भारतीय नागरिकों को सफलतापूर्वक निकाला. इन भारतीयों को ऑपरेशन
‘निस्तार’ नामक मानवतावादी और आपदा राहत अभियान के तहत यमन में चक्रवात से प्रभावित
सोकोट्रा द्वीप से बचाया गया था.
पृष्ठ भूमि
भारतीय नागरिक लगभग
10 दिनों से सोकोत्रा द्वीप के आसपास के इलाकों में गंभीर चक्रवात तूफान के कारण फंसे
हुए थे. सफलतापूर्वक बचाए जाने और निकालने के बाद 38 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित रूप
से जहाज पर ले जाना शुरू कर दिया गया, और उन्हें चिकित्सा देखभाल, भोजन, पानी और टेलीफोन
सुविधायेँ भी प्रदान की गई ताकि वे अपने परिवार को सूचित कर सकें कि वे सुरक्षित हैं.
सभी के सुरक्षित होने की खबर है. भारतीय नौसेनिक जहाज सुनयना ने किसी अन्य जीवित व्यक्ति
की तलाश करने के लिए क्षेत्र की सतह खोज भी की. बचाव कार्य के बाद जहाज पोरबंदर की
ओर वापिस रवाना हो गया.
राष्ट्रपति
राम नाथ कोविंद ने त्रिपुरा के रानी किस्म अनानास को राजकीय फल के रूप में घोषित किया
है. त्रिपुरा देश के सबसे बड़े अनानस उत्पादक राज्यों में से एक है. पूरे राज्य में
100 से अधिक वाणिज्यिक पैमाने के अनानास बागान हैं.
रानी अनानास सुनहरे पीले और चमकदार रंग का होता है इसका मनोहर सुगंध
और स्वाद विशिष्ट है. इसकी मिठास और अद्वितीय सुगंध इसे पूर्वोत्तर क्षेत्र के अन्य
राज्यों के अनानास से अलग बनाती है. अनानास को 2015 में भौगोलिक संकेत टैग भी प्राप्त
हुआ था और इसे प्राप्त करने में उत्तर पूर्वी क्षेत्रीय कृषि विपणन निगम (केंद्रीय
सार्वजनिक क्षेत्र इकाई) द्वारा सहायता की गई थी. APEDA (कृषि और संसाधित खाद्य उत्पाद
निर्यात विकास प्राधिकरण), जो कि वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत एक शीर्ष संगठन
है, द्वारा भी त्रिपुरा से पश्चिम एशिया तक अनानास के मुख्य किस्मों को निर्यात करने
में मदद प्रदान की गई.
रक्षा
मंत्री निर्मला सीतारमन की अध्यक्षता में रक्षा खरीद परिषद (DAC) ने रक्षा बलों के
लिए 5500 करोड़ रुपये के उपकरणों की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी दी. इन प्रस्तावों
को रक्षा खरीद के क्षेत्र में स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भरता के लक्ष्य के अनुरूप अनुमोदित
किया गया है. डीएसी भारतीय सशस्त्र बलों (सेना, नौसेना और वायुसेना) की पूंजी खरीद
पर रक्षा मंत्रालय का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय है.
12 हाई पावर रडार: ‘आईडीडीएम खरीदें (भारतीय)’ श्रेणी
के तहत भारतीय वायु सेना के लिए 12 हाई पॉवर रडार की खरीद को अनुमति मिली. ये तकनीकी
रूप से बेहतर रडार लंबी दूरी, मध्यम एवं उच्च ऊंचाई कवर प्रदान करेंगे, जिसमें परवलयिक
ट्रैजेक्टोरियों के बाद हाई स्पीड टारगेट का पता लगाने और ट्रैक करने की क्षमता होगी.
इन रडारों में एंटीना के यांत्रिक रोटेशन के बिना 360 डिग्री स्कैन करने की क्षमता
है. ये रडार 24 घंटे काम करते हैं और इन्हें न्यूनतम रखरखाव की आवश्यकता होती है. इन
रडारों की खरीद से देश में वायु रक्षा नेटवर्क की समग्र प्रभावशीलता में वृद्धि होगी.
एयर कुशन वाहन
(एसीवी): इन्हें
भारतीय शिपयार्ड से भारतीय तट रक्षक (आईसीजी) के उपयोग के लिए एयर कुशन वाहनों (एसीवी)
के लिए खरीदा जाएगा. ये जहाज पारंपरिक नौकाओं और शिल्पों को बहुत बड़ा लाभ प्रदान करते
हैं क्योंकि इन जहाजों के पास उथले पानी, रेत, मिट्टी के टीलों और दलदलों पर बहुत अधिक
गति से यात्रा करने की क्षमता है. ये शिल्प सेवा क्षमता में वृद्धि प्रदान करते हैं.
ब्रिटेन
के फाइनेंशियल आचरण प्राधिकरण (एफसीए) ने कैनरा बैंक की लंदन शाखा पर 8 करोड़ रुपये
का जुर्माना और 5 महीने तक डिपोजिट लेने पर पाबंदी लगाई है. जिसका कारण एंटी-मनी
लॉन्डरिंग (एएमएल) नियमों का पालन न करना बताया गया है.
एक
नोटिस के माध्यम से एफसीए का कहना है कि कैनरा बैंक की लंदन शाखा पर 8,96,100 पाउंड
(लगभग 8 करोड़) का जुर्माना लगाया गया है और साथ ही बैंक अभी 147 दिनों तक नए ग्राहकों
से डिपोजिट भी नहीं ले सकता. इस जुर्माने और पाबंदी के कारण को व्यक्त करते हुये
एफसीए कहता है की बैंक ने नवंबर 2012 से जनवरी 2016 के बीच के समय में प्रबंधन और नियंत्रण
प्रिन्सिपल 3 का उल्लंघन किया है.
एफसीए यह भी बताता है कि केनरा बैंक पर लगे जुर्माने को 30 फीसदी कम
भी कर दिया गया है क्योंकि एफसीए की जांच के शुरुआती चरण में केनरा बैंक द्वारा सहयोग
की सुनिश्चिति की गयी थी अन्यथा सहयोग न करने की दशा में यह जुर्माना 12,80,175 पाउंड
और 210 दिनों तक डिपोजिट पर प्रतिबंध लगना होता.
इंस्टीट्यूट
ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पीस द्वारा जारी किए गए 2018 के ग्लोबल पीस इंडेक्स में भारत
163 देशों की सूची में 137 वें स्थान पर रहा. वर्ष 2017 में भारत इस सूची में 141 वें
स्थान पर था और इस बार भारत की रैंकिंग में चार स्थान की बढ़ोतरी का कारण हिंसक अपराध
के स्तर में कमी को बताया जा रहा है.
इस सूची के अनुसार दुनिया का सबसे शांतिपूर्ण देश आइसलैंड है, शांतिपूर्णता
के मामले में आइसलैंड की यह सर्वोच्च स्थिति 2008 से ही बनी हुई है. आइसलैंड के बाद
इस सूची के शीर्ष पांच देशों में न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रिया, पुर्तगाल और डेनमार्क आते
है. साथ ही दूसरी तरफ पिछले पांच सालों से विश्व का सबसे अशांत देश सीरिया है. अफगानिस्तान,
दक्षिण सूडान, इराक और सोमालिया सूची में सबसे नीचे आने वाले अर्थात सबसे कम शांतिपूर्ण
देश हैं. मौतों की संख्या में सबसे ज्यादा कमी वाले देशों में श्रीलंका, चाड, कोलंबिया
और युगांडा के साथ-साथ भारत भी मुख्य देश रहा है. यदि कुछ और देशों की पिछले वर्ष की
तुलना में बात करें तो श्रीलंका सूची में 80 से 67 वें स्थान पर, नेपाल 93 से 84 वें
स्थान पर, पाकिस्तान 152 से 151 वें स्थान पर जबकि भूटान 13 से 19 वें स्थान पर और
बांग्लादेश 84 से 93 वें स्थान पर आ गया
6
जून, 2018 को, आरबीआई की छह सदस्यी मौद्रिक नीति समिति ने रेपो रेट (अल्पकालिक उधार
दर) को 6.00% से बढ़ाकर 6.25% करने का फैसला लिया है. दूसरी द्वि-मासिक मौद्रिक नीति
के अनुसार, आरबीआई की वर्तमान रेपो रेट 6.25% जबकि रिवर्स रेपो रेट 6.00% है. हाल ही
में हुई दरों में यह वृद्धि मई, 2014 में एनडीए (National Democratic Alliance) सरकार
के गठन के बाद से साढ़े चार सालों में पहली बार देखी गई है.
रेपो
दर, वह दर है जिस पर आरबीआई छोटी समयावधि के लिए बैंकों को ऋण देता है. यह RBI द्वारा
बैंकों से सरकारी बांड खरीदकर एक निश्चित दर पर उन्हें बेचने के लिए एक समझौते के साथ
किया जाता है. जब भारतीय रिजर्व बैंक रेपो दर बढ़ाता है, तो बैंक को उच्च दरों पर ऋण
देना पड़ता है. अत: कहा जा सकता है, कि रेपो दर का बढ़ना बाजारों में ब्याज दरों में
वृद्धि होने का एक कारण है.
रिवर्स रेपो दर वह ब्याज दर है जिस पर आरबीआई अल्पकालिक समय के लिए
अन्य बैंकों से ऋण लेता है. यह आरबीआई द्वारा सरकारी बॉन्ड / सिक्योरिटीज को बैंकों
को भविष्य में वापस खरीदने की प्रतिबद्धता के साथ किया जाता है. बैंक रिवर्स रेपो सुविधा
का उपयोग अपने अल्पकालिक अतिरिक्त धन को आरबीआई में जमा करके ब्याज अर्जित करने के
लिए भी करते हैं.
विश्व
बैंक ने 6000 करोड़ की लागत के साथ जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय
की केंद्रीय क्षेत्र योजना अटल भूजल योजना (ABHY) को अनुमति प्रदान की है. इस योजना
को विश्व बैंक की सहायता से 2018-19 से 2022-23 तक की पांच वर्ष की अवधि में कार्यान्वित
किया जाना है.
देश के बड़े भागों में भूजल संसाधनों की कमी को दूर करने के मानस से
मंत्रालय ने अटल भूजल योजना का निर्माण किया है, इस योजना का उद्देश्य सामूहिक भागीदारी
से देश के प्राथमिक क्षेत्रों में भूजल प्रबंधन की स्थिति में सुधार लाना है. योजना
के तहत चुने गये प्राथमिक क्षेत्र के राज्यों में गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश,
महाराष्ट्र, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश शामिल है और इन राज्यों के 78 जिलों में से
लगभग 8350 ग्राम पंचायतों के योजना के तहत लाभान्वित होने की आशा है. इस योजना के लिए
धन राशि देने का कारण भूजल संचालन हेतु उत्तरदाई संस्थानों को बेहतर बनाना और भूजल
प्रबंधन में पानी के उपयोग एवं संरक्षण को बढ़ावा देना है. मंत्रालय की वित्त व्यय
समिति योजना के प्रस्ताव को पहले ही मंजूरी दे चुकी है मंत्रालय अब मंत्रिमण्डल की
अनुशंसा को जल्द सुनिश्चित करेगा.
भारत के निर्वाचन आयोग का पहला ऑनलाइन RTI पोर्टल लॉन्च
सूचना अधिकार अधिनियम के तहत 6 जून 2018 को भारतीय निर्वाचन आयोग ने
सूचना मांगने वाले आवेदकों की सहायता के उदेश्य से एक ऑनलाइन RTI पोर्टल लॉन्च किया
है. यह ऑनलाइन पोर्टल मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत, चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा और
अशोक लवासा की अध्यक्षता में लॉन्च किया गया है.
ऑनलाइन RTI पोर्टल की विशेषताएँ
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इस पोर्टल को कोई भी व्यक्ति कमीशन की वेबसाइट (nic.in) के मुख पृष्ठ
पर ऑनलाइन आरटीआई पर क्लिक करके आसानी से एक्सैस कर सकता है.
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आरटीआई अधिनियम के अंतर्गत आवश्यक शुल्क के ऑनलाइन भुगतान के लिए पोर्टल
पर एक गेटवे सुविधा भी है.
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सूचना अधिकार अधिनियम के तहत ऑनलाइन पोर्टल की मदद से आवेदकों को जानकारी
पाने में सहूलियत रहेगी.
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पोर्टल आवेदकों के लिए ऑनलाइन जवाबदेही के मार्ग को प्रशस्त करता है
और पोर्टल पर पहली अपील दर्ज करने और इसके उत्तर की सुविधा भी प्रदान करता है.
·
आरटीआई आवेदकों को एसएमएस और ई-मेल के माध्यम से भी अधिसूचना मुहैया
की जाएगी.
·
ऑनलाइन पोर्टल के साथ ही जानकारी मांगने वाले आवेदकों के लिए ऑफ़लाइन
मोड भी जारी रहेगा.
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डीओपीटी के पोर्टल से पिछले आरटीआई आवेदनों को डाउनलोड करके उनमें से
कुछ को छोड़कर बाकी सभी आवेदनों का उपयुक्त उत्तर आवेदकों को दे दिया गया है.
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अब पोर्टल के शेष आवेदनों और पहली अपील के आधार पर आवेदनों का शीघ्रता
से निपटान किया जाएगा
स्वास्थ्य
मंत्रालय द्वारा जारी एक विशेष बुलेटिन के अनुसार, भारत में मातृ मृत्यु दर
(Maternal Mortality Ratio – MMR) 2011-2013 में 167 से घटकर 2014-2016 में 130 ही
रह गई है. मातृ मृत्यु दर को प्रति 1,00,000 जीवित जन्मों की मातृ मृत्यु के अनुपात
में परिभाषित किया जाता है.
भारत में मातृ मृत्यु दर की स्थिति को आसानी से समझने और क्षेत्रीय
स्तर पर किए गए बदलावों को प्रदर्शित करने के लिए, सरकार ने राज्यों को तीन समूहों
में ईएजी (Empowered Action Groups), दक्षिणी राज्यों और शेष राज्यों को ‘अन्य’ राज्यों
की श्रेणी में वर्गीकृत किया है. EAG राज्यों में बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़,
ओडिशा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और असम शामिल हैं जबकि दक्षिणी राज्यों की
श्रेणी में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु आते हैं और ‘अन्य’ राज्यों
की श्रेणी में शेष सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को शामिल किया गया है. स्वास्थ्य
मंत्रालय द्वारा जारी किये गए बुलेटिन के अनुसार भारत में ईएजी राज्यों और असम में
मातृ मृत्यु दर में 246 से 188 तक की गिरावट रही तथा साथ ही दक्षिणी राज्यों में यह
गिरावट 93 से 77 और “अन्य” राज्यों में 115 से 93 तक की गिरावट देखी गई है.
प्रधान
मंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में व्यथित चीनी उद्योग के लिए
8500 करोड़ रुपये के बकाया पैकेज को मंजूरी दे दी है.
ब्राजील के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश भारत है
और यहाँ हर साल लगभग 20-25 मिलियन टन चीनी का उत्पादन होता है. वर्ष 2015-16 में यहाँ
चीनी का उत्पादन 25.13 मिलियन टन था, 2016-17 में 20.2 मिलियन टन तथा 2017-18 में
25 मिलियन टन और 2018-19 में लगभग 30 मिलियन टन चीनी के उत्पादन की उम्मीद है. वर्तमान
में, भारत का सबसे प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश है, और इस राज्य के अभी
अगले दो और वर्षों तक इस स्थिति को बनाए रखने की संभावना है. महाराष्ट्र गन्ना और चीनी
दोनों के उत्पादन में दूसरे नंबर पर है. 6 जून, 2018 को घोषित इस पैकेज में इथेनॉल
क्षमता उत्पादन के लिए 4500 करोड़ रुपये के ऋण पर ब्याज सब्सिडी देने सहित गन्ना किसानों
के लिए 1540 करोड़ रुपये की उत्पादन से जुड़ी सब्सिडी भी शामिल है. इसके अलावा, सरकार
ने बहुत सारी समस्याओं को रोकने के लिए चीनी पर आयात शुल्क भी बढ़ाया है. और सरकार
ने चीनी के स्टॉक बनाने का भी फैसला किया है.