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Article : Current Affairs 3 August 2018.
Updated at : Sat, 04 August, 2018 , 08:02:54 AM ( IST )
  1.  

लोकसभा ने राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय विधेयक 2018 पारित किया


लोकसभा ने 3 अगस्त 2018 को राष्‍ट्रीय खेल विश्‍वविद्यालय विधेयक 2018 पारित कर दिया है. राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय विधेयक पर सदन में चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित किया गया.

खेल मंत्री कर्नल राज्‍यवर्धन राठौड़ ने विधेयक पर चर्चा के दौरान कहा कि इस विश्‍वविद्यालय में शोध, प्रशासन, प्रशिक्षण और अन्य खेलों की गतिविधियों का समावेश होगा.

विधेयक लोकसभा में 23 जुलाई 2018 खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर द्वारा पेश किया गया था. यह राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय अध्यादेश, 2018 को प्रतिस्थापित करता है जिसे 31 मई 2018 को जारी किया गया था.

उद्देश्‍य:

इस विधेयक में खेलों को बढ़ावा देने के उद्देश्‍य से अपनी तरह का पहला राष्‍ट्रीय खेल विश्‍वविद्यालय मणिपुर में खोले जाने का प्रस्‍ताव है.

विधेयक से संबंधित मुख्य तथ्य:

  • राष्‍ट्रीय खेल विश्‍वविद्यालय का मुख्यालय मणिपुर में होगा.
  • राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय भारत में अंतरराष्ट्रीय स्तर का पहला पूर्ण विकसित खेलकूद विश्वविद्यालय
  • इस विधेयक में देश के विभिन्‍न राज्‍यों के अलावा विदेश में खेलों के अलग-अलग परिसर बनाये जाने का प्रावधान है.
  • विश्‍वविद्यालय के कुलाधिपति और एकेडेमिक काउंसिल के सदस्‍य खेल क्षेत्र से होंगे.
  • विभिन्न राज्यों में वहां की सरकारों से चर्चा करके समुचित सुविधाएं एवं ज़मीन मिलने पर आउटलाइन केन्द्र खोले जाएंगे.
  • केंद्र सरकार विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली की समीक्षा और निरीक्षण करेगी. कार्यकारी परिषद निरीक्षण के निष्कर्षों के आधार पर कार्रवाई कर सकती है.
  • विश्वविद्यालय में विदेशी प्रशिक्षकों को भी बुलाया जाएगा ताकि विद्यार्थियों को उनके अनुभव का लाभ मिल सके.
  • विश्वविद्यालय शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में अनुसंधान करेगा, खेल प्रशिक्षण कार्यक्रमों को मजबूत करेगा, और शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग करेगा.
  • मणिपुर में स्थापित होने वाले विश्वविद्यालय में बतौर कुलाधिपति और शिक्षक के रूप में प्रतिष्ठित खिलाड़ियों को नियुक्त किया जाएगा.
  • विश्वविद्यालय देशभर में और भारत से बाहर भी दूरस्थ परिसर स्थापित करने के लिए सशक्त होगा.
  • इसमें शैक्षणिक कार्यक्रमों और अनुसंधान के अतिरिक्त विश्वविद्यालयों एवं इसके दूरस्थ कैंपस उत्कृष्ट खिलाड़ियों, खेलकूद पदधारियों, रेफरियों और अम्पायरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा.
  • मणिपुर में राष्ट्रीय खेलकूद विश्वविद्यालय बनाया जा रहा है जो खेलकूद की विभिन्न विधाओं के राष्ट्रीय प्रशिक्षण केंद्र के रूप में कार्य करने के साथ खेलकूद विज्ञान, खेलकूद प्रौद्योगिकी, खेलकूद प्रबंधन, खेलकूद प्रशिक्षण तथा खेलकूद अनुसंधान के लिए काम करेगा. इस विश्वविद्यालय के देशभर में ‘दूरस्थ परिसर’ (आउटलाइंग कैंपस) खोले जाएंगे जो एनएसयू के उद्देश्य को हासिल करने में मददग़ार होंगे.

पृष्ठभूमि:

गौरतलब है कि यह विधेयक इस संबंध में 31 मई को राष्ट्रपति द्वारा लागू राष्ट्रीय खेलकूद विश्वविद्यालय अध्यादेश, 2018 की जगह लेगा.राष्ट्रीय खेलकूद विश्वविद्यालय विधेयक 2017 को 10 अगस्त 2017 को लोकसभा में पेश किया गया था लेकिन यह पारित नहीं हो सका.

प्लेटलेट से रक्त में संचरित 60 फीसदी मलेरिया परजीवी नष्ट हो जाते हैं: अध्ययन


एक नए अध्ययन के अनुसार, प्लेटलेट से रक्त में संचरित 60 फीसदी मलेरिया परजीवी नष्ट हो जाते हैं. रक्त में पाए जाने वाला प्लेटलेट मानव शरीर की प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने में सहायक होता है और मलेरिया बुखार से बचाता है.

अध्ययन में पाया गया कि मलेरिया से पीड़ित मरीजों के रक्त में स्थित प्लेटलेट में मलेरिजा के परजीवी को नष्ट करने की क्षमता होती है. मलेरिया के प्रमुख परजीवी प्लाज्मोडियम फालसिपैरम, पी. मलेरिये, पी. विवाक्स और पी. क्नोलेसी हैं जिनसे मानव की मौत हो जाती है.

अध्ययन से संबंधित मुख्य तथ्य:

•    शोध में 376 लोगों को शामिल किया गया था. ये सभी पापुआ, इंडोनेशिया और मलेशिया के सबाह के निवासी थे. इनमें से कुछ मलेरिया से पीड़ित थे और कुछ लोग पीड़ित नहीं थे.

•    अध्ययन में यह पाया गया कि प्लेटलेट से क्लीनिकल मलेरिया में करीब 20 फीसदी प्लाज्मोडियम पैरासाइट नष्ट हो जाते हैं और पी. विवाक्स में इसकी दर 60 फीसदी तक हो सकती है.

•    अध्ययन से पता चला कि प्लेटलेट मानव लाल कोशिकाओं से बंधे हैं, जिनमें मलेरिया परजीवी होते हैं और लाल कोशिका पीएफ 4 में जारी करके परजीवी को मार देते हैं.

•    यह शोध 'ब्लड' नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है.

•    मानवीय संक्रमण के रोग में प्लेटलेट द्वारा रक्षा किए जाने का पहला प्रत्यक्ष प्रमाण है.

शरीर में कितनी होनी चाहिए प्लेटलेट्स:

एक स्वस्थ इंसान के शरीर में प्लेटलेट्स की मात्रा एक वर्ग मिलीलीटर रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या डेढ से चार लाख तक होती है. इनका मुख्य कार्य चोट लगने पर खून के जमने की प्रक्रिया को तेज करके ब्लीडिंग को रोकना है.

खून में प्लेटलेट्स के कम होने का मतलब यह है कि या तो शरीर में ये कम बन रही हैं या फिर ठीक मात्रा में बनने के बावजूद शायद किसी कारण से नष्ट होती जा रही हैं. सामान्यतौर पर तो ये डेंगू या ऐसे ही किसी इन्फेक्शन से नष्ट होती हैं, लेकिन कभी-कभी यह अपने आप में एक बुनियादी बीमारी भी हो सकती है. 

एनएचएआई ने 25,000 करोड़ रुपए के दीर्घकालीन कर्ज को लेकर एसबीआई के साथ समझौता किया


भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने 03 अगस्त 2018 को 25,000 करोड़ रुपए के दीर्घकालीन कर्ज को लेकर भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के साथ समझौता किया.

यह एसबीआई द्वारा किसी भी कंपनी को दिया जाने वाला बिना गारंटी वाला (असुरक्षित) सबसे बड़ा कर्ज है. एनएचएआई को एसबीआई से दिया जाना वाला यह अब तक का सबसे बड़ा ऋण होगा. बिना जमानत का ये दस वर्षीय कर्ज पूरी तरह एनएचएआइ को उसकी साख और रेटिंग के आधार पर मिल रहा है.

मुख्य तथ्य:

  • एनएचएआई को एसबीआई से 10 साल के लिये 25,000 करोड़ रुपए का बिना गारंटी वाला कर्ज मिल रहा है.
  • शुरू के तीन साल कर्ज का भुगतान नहीं करना होगा. किसी भी संस्थान द्वारा एक बार में एनएचएआई को मंजूर यह अब तक का सबसे बड़ा कर्ज है.
  • एसबीआई ने एक महीने की कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) पर पूरी राशि 25,000 करोड़ रुपए का कर्ज देने की पेशकश की.
  • पहले तीन साल में मूल राशि के भुगतान की जरूरत नहीं है और उसके बाद छमाही आधार पर 14 समान किस्तों में राशि लौटायी जाएगी.
  • एनएचएआई को पूरी राशि 31 मार्च 2019 तक मिल जाएगी. एनएचएआइ चाहे जितनी बार में चाहे ये रकम निकाल सकता है.
  • एनएचएआइ की ओर से ब्याज की रकम मासिक आधार पर चुकाई जाएगी.
  • एनएचएआइ को इतने बड़े कर्ज की जरूरत सड़क निर्माण, खासकर भारतमाला से जुड़ी परियोजनाओं की रफ्तार बढ़ाने के लिए पड़ी है.

                     राष्ट्रीय राजमार्ग के बारे में:

भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग, भारत की केन्द्रीय सरकार द्वारा संस्थापित और सम्भाले जानी वाली लंबी दूरी की सड़कें है.

भारत के राजमार्गो की कुल दूरी लगभग 122434 किमी है, जिसमे से केवल 4,885 किमी की सड़को के मध्य पक्का विभाजन बनाया गया है.

राजमार्गो की लंबाई भारत के सड़को का मात्र 2% है, लेकिन यह कुल यातायात का लगभग 40% भार उठाते है.

कुछ शहरो के बीच 4 और 6 पंक्तियों के राजमार्गो का भी विकास हुआ.

भारत का सबसे बड़ा राजमार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग 7 (NH7) है, जो उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर को भारत के दक्षिणी कोने, तमिलनाडु के कन्याकुमारी शहर के साथ जोड़ता है. इसकी लंबाई 2369 किमी है.

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई):

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधीन काम करता है.

इसका कार्य इसे सौंपे गए राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास, रखरखाव और प्रबन्धन करना और इससे जुड़े हुए अथवा आनुषंगिक मामलों को देखना है.

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का गठन संसद के एक अधिनियम, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अधिनियम, 1988 के द्वारा किया गया था.

प्राधिकरण ने फरवरी 1995 में पूर्णकालिक अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति के साथ कार्य करना शुरू किया.



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