21 जून: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
विश्व भर में 21 जून 2018 को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया. इस अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2018 (International Yoga Day 2018) का थीम- शांति के लिए योग हैं. इस दिन, जो मानव शरीर के आंतरिक और बाहरी कल्याण के लिए समर्पित है, दुनिया भर के लोग समूहों में योग का अभ्यास करते हैं.
चौथे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देहरादून में स्थापित वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई) में योग किया. पीएम के साथ करीब 55 हजार लोगों ने योग किया. चौथे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर देश भर में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री दिल्ली में राजपथ पर योग करते हुए नजर आए थे.
इस अवसर को चिह्नित करने के लिए दुनिया भर में योग से संबंधित कार्यक्रमों की एक श्रृंखला आयोजित की जा रही है. प्रधान मंत्री ने पहले 2015 में नई दिल्ली में राजपथ में योग समारोह में, 2016 में चंडीगढ़ में कैपिटल कॉम्प्लेक्स और 2017 में लखनऊ में रामाबाई अम्बेडकर सभा स्थल में योग समारोह में भाग लिया था. इस अवसर पर दुनिया भर में योग उत्साही लोगों को नमस्कार करते हुए प्रधान मंत्री ने कहा कि योग मानव भारतीयों द्वारा मानव जाति के लिए दिए गए सबसे मूल्यवान उपहारों में से एक है.
योग दिवस कैसे मनाया जाता है?
योग प्रशिक्षण कार्यक्रम, शिविर, रिट्रीट, सेमिनार, कार्यशालाएं समूह और जन स्तर पर आयोजित की जाती हैं। लोग समूहों में इकट्ठे होते हैं और विभिन्न आसन और प्राणायाम करते हैं. उन्हें अभ्यास के महत्व और यह इलाज और उपचार में कैसे मदद करता है, इसके बारे में भी जागरूक किया जाता है.
योग का पहला अंतर्राष्ट्रीय दिवस कब मनाया गया था?
योग का पहला अंतर्राष्ट्रीय दिवस 21 जून 2015 को पूरी दुनिया में मनाया गया था. इस अवसर पर प्रधान मंत्री ने नई दिल्ली, राजपथ से हजारों लोगों और बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्तियों के साथ 21 योग आसन प्रदर्शन किए.
उद्देश्य |
योग से होने वाले फायदों के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है. |
कोटा में बाबा रामदेव 2.5 लाख लोगों के साथ योग कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनया. दिल्ली स्थित अमेरिका के दूतावास में भी योग दिवस के प्रति गजब का क्रेज देखने को मिला. दूतावास के कर्मियों ने जमकर योगासन किए.
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के जवानों ने 18,000 फीट की ऊंचाई पर लद्दाख के ठंडे रेगिस्तान में सूर्य नमस्कार किया.
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस विश्व स्तर पर मनाया गया:
पूर्वी नौसेना कमांड के जवान विशाखापत्तनम में बंगाल की खाड़ी में आईएनएस ज्योति पर योग कर रहे हैं. इसमें पूर्वी नौसेना कमान के पनडुब्बी में तैनात जवानों ने भी भाग लिया. नौसेना के जवान केरल के कोच्चि में आईएनएस जमुना पर योगासन कर रहे हैं.
योग:
योग एक प्राचीन कला है जिसकी उत्पत्ति भारत में लगभग 5000 साल पहले हुई थी. पहले समय में, लोग अपने दैनिक जीवन में योग और ध्यान, पूरे जीवनभर स्वस्थ और ताकतवर बने रहने के लिए किया करते थे. बौद्ध धर्म और हिन्दू धर्म से जुड़े लोग योग और ध्यान का प्रयोग करते थे. योग के बहुत से प्रकार है, जैसे- राज योग, जन योग, भक्ति योग, कर्म योग, हस्त योग इत्यादि.
योग एक आध्यात्मिक प्रकिया है जिसमें शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने (योग) का कार्य होता है. ‘योग’ शब्द का अर्थ है - समाधि अर्थात् चित्त वृत्तियों का निरोध.
21 जून ही क्यों योग उत्सव का दिन चुना गया?
दरअसल उत्तरी गोलाद्र्ध में 21 जून सबसे लंबा दिन होता है. लिहाजा दुनिया के अधिकांश देशों में इस दिन का खासा महत्व है. आध्यात्मिक कार्यों के लिए भी यह दिन अत्यंत लाभकारी है. भारतीय मान्यता के अनुसार आदि योगी शिव ने इसी दिन मनुष्य जाति को योग विज्ञान की शिक्षा देनी शुरू की थी. इसके बाद वे आदि गुरु बने. इसीलिए 21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में चुना गया है.
योग दिवस:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 27 सितम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाये जाने की सिफारिश की गयी थी.
इसके उपरांत 11 दिसम्बर 2014 संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा इस प्रस्ताव को पारित करके प्रत्येक वर्ष इस दिन यह दिवस मनाये जाने की घोषणा की गयी.
यह प्रस्ताव महासभा द्वारा विश्व स्वास्थ्य और विदेश नीति के तहत पारित किया गया ताकि विश्व भर में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य वातावरण प्राप्त हो सके.
अमेरिका, कनाडा, चीन एवं मिस्र सहित 177 देशों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया.
‘इंडिया स्मार्ट सिटी अवार्ड’ 2018 के तहत परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेज गति प्रदर्शित करने पर सूरत स्मार्ट सिटी को ‘सिटी अवार्ड’ के लिए चुना गया.
तीन वर्गों अर्थात परियोजना पुरस्कार, नवोन्मेषी विचार पुरस्कार एवं सिटी अवार्ड में 9 पुरस्कारों की इंडिया स्मार्ट सिटी अवार्ड के तहत घोषणा की गई है.
1. सिटी अवार्ड:
परियोजनाओं के क्रियान्वयन में विशेष रूप से शहरी पर्यावरण, परिवहन एवं गंत्यात्मकता तथा टिकाऊ समेकित विकास के वर्गों में परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेज गति प्रदर्शित करने के लिए सूरत स्मार्ट सिटी को सिटी अवार्ड के लिए चुना गया.
2. नवोन्मेषी विचार पुरस्कार:
नवोन्मेषी विचार पुरस्कार किसी परियोजना/विचार, विशेष रूप से टिकाऊ समेकित विकास की दिशा में उनके नवोन्मेषी, बॉटम-अप एवं रूपांतरकारी दृष्टिकोण के लिए प्रदान किया जाता है. इस वर्ग में संयुक्त विजेता अपने समेकित कमान एवं नियंत्रण केन्द्र (आईसीसीसी) के लिए भोपाल तथा सुरक्षित एवं भरोसेमंद अहमदाबाद (एसएएसए) परियोजना के लिए अहमदाबाद रहे.
3. परियोजना पुरस्कार:
परियोजना पुरस्कार सात वर्गों में सर्वाधिक नवोन्मेषी एवं सफल परियोजनाओं को दिया जाता है, जो 01 अप्रैल 2018 तक पूरी हो चुकी है.
चुनी गई परियोजनाएं:
क्र.सं. | श्रेणी | परियोजना का नाम |
1 | अभिशासन | पुणे से पीएमसी केयर |
2 | निर्मित पर्यावरण | पुणे से स्मार्ट प्लेस मेकिंग |
3 | सामाजिक पहलू | एनडीएमसी एवं जबलपुर से स्मार्ट क्लास रूम, विशाखापत्तनम से स्मार्ट कैम्पस, पुणे से लाईट हाउस |
4 | संस्कृति एवं अर्थव्यवस्था | भोपाल से बी नेस्ट इन्क्यूबेशन सेंटर एवं जयपुर से राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट्स का संरक्षण |
5 | शहरी पर्यावरण | भोपाल, पुणे, कोयम्बटूर से पब्लिक बाईक शेयरिंग एवं जबलपुर में अपशिष्ट से ऊर्जा संयंत्र |
6 | परिवहन एवं गंत्यात्मकता | अहमदाबाद एवं सूरत से समेकित पारगमन प्रबंधन प्रणाली (टीएमएस) |
7 | जल एवं स्वच्छता | अहमदाबाद से एससीएडीए के माध्यम से स्मार्ट वाटर मैनेजमेंट |
इंडिया स्मार्ट सिटी अवार्ड के बारे में:
100वीं स्मार्ट सिटी के रूप में शिलांग का चयन |
मेघालय की राजधानी शिलांग का चयन 100वीं स्मार्ट सिटी के रूप में किया गया है. शिलांग द्वारा प्रस्तुत किये गये प्रस्ताव के आकलन के बाद ही इस शहर का चयन किया गया है. अब तक संबंधित प्रतिस्पर्धा के चार दौर में 99 स्मार्ट सिटी का चयन किया गया था. इससे पहले जनवरी 2016 में 20 शहरों, मई 2016 में 13 शहरों, सितम्बर 2016 में 27 शहरों, जून 2017 में 30 शहरों और जनवरी 2018 में 9 शहरों का चयन किया गया था. शिलांग के चयन के साथ ही स्मार्ट सिटी मिशन के तहत अंतिम रूप से चयनित 100 स्मार्ट सिटी में कुल प्रस्तावित निवेश 2,05,018 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया है. |
तमिलनाडु की अनुकृति वास ने 19 जून 2018 को ‘फेमिना मिस इंडिया 2018’ का खिताब जीता. अनुकृति वास ने 29 प्रतियोगियों को हरा कर इस खिताब को जीता. इस प्रतियोगिता में मिस वर्ल्ड मानुषी छिल्लर ने अनुकृति वास को ताज पहनाया. अनुकृति वास इससे पहले मिस तमिलनाडू 2018 का खिताब जीता था.
मुंबई में आयोजित हुए इस कॉन्टेस्ट में हरियाणा की रहने वाली मीनाक्षी चौधरी फर्स्ट रनर-अप बनीं और सेकेंड रनर-अप आंध्र प्रदेश की रहने वाली श्रेया राव बनीं. वहीं दिल्ली की रहने वाली गायत्री भारद्वाज, झारखंड की रहने वाली स्टेफी पटेल टॉप 5 में शामिल थीं.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व:
मिस इंडिया की विजेता अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी. कांटेस्ट की दोनों रनरअप भी मिस ग्रैंड इंटरनेशनल 2018 और मिस यूनाइटेड कॉन्टिनेंट्स 2018 में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी. इससे पहले मिस इंडिया 2017 की विजेता मानुषी छिल्लर मिस वर्ल्ड का ताज जीत चुकी हैं. प्रियंका चोपड़ा के ताज जीतने के 17 साल बाद किसी भारतीय ने यह उपलब्धि हासिल किया था.
इस समारोह के जज पैनल में बॉलीवुड अभिनेत्री मलाइका अरोड़ा, अभिनेता बॉबी देओल, कुनाल कपूर, क्रिकेटर इरफान पठान और के.एल राहुल शामिल थे.
अनुकृति वास:
• अनुकृति वास तमिलनाडु की रहने वाली हैं.
• अनुकृति वास पेशे से खिलाड़ी और डांसर हैं.
• अनुकृति वास फिलहाल फ्रेंच भाषा में बीए कर रही हैं.
• उन्हें संगीत और नृत्य पसंद है और राज्य स्तर पर खेल प्रतिस्पर्धाओं में भी हिस्सा ले चुकी हैं.
• वे एक सफल सुपर मॉडल बनना चाहती हैं.
• मॉडलिंग और एक्टिंग में दिलचस्पी रखने वाली अनुकृति अंतरराष्ट्रीय ब्यूटी प्रतियोगिताओं में भी भारत का प्रतिनिधित्व करना चाहती हैं.
फेमिना मिस इंडिया:
मिस इंडिया अथवा फेमिना मिस इंडिया भारत का राष्ट्रीय सौन्दर्यता पिगेंट है जो वर्ष में एकबार होता है. इसमे विजेता बनने के पश्चात ही भारतीय सुन्दरी को अन्तर्राष्ट्रीय सौन्दर्य प्रतियोगिता मे भाग लेने की अनुमति दी जाती है. विजेता को ब्रह्माण्ड सुन्दरी प्रतियोगिता, उपविजेता को विश्व सुन्दरी प्रतियोगिता में भाग लेने की अनुमति मिलती है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 30 मई 2018 को नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी और इसरो के पूर्व अध्यक्ष ए एस किरण कुमार को ‘संतोकबा ह्यूमैनेटेरियन अवार्ड’ से सम्मानित किया गया. इसके तहत दोनों को एक-एक करोड़ रुपए की राशि और ट्रॉफी प्रदान की गई.
यह समारोह सूरत के संजीव कुमार आडीटोरियम में आयोजित किया गया. इस समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अलावा गुजरात के राज्यपाल ओपी कोहली और मुख्यमंत्री विजय रुपाणी भी उपस्थिति थे.
पुरस्कार प्राप्त करने पर, कैलाश सत्यार्थी ने घोषणा की कि वह बच्चों के कल्याण के लिए सुरक्षित बचपन फंड को धन दान करेंगे. जबकि, एएस किरण कुमार ने अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अनुसंधान और विकास कार्यों के लिए पुरस्कार राशि समर्पित करने की घोषणा की.