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Article : current affairs 5 june
Updated at : Wed, 06 June, 2018 , 09:56:51 AM ( IST )

केंद्र सरकार ने ‘कृषि कल्याण अभियान’ आरंभ किया

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने कृषि कल्याण अभियान की शुरूआत की है. इसके तहत किसानों को उत्तम तकनीक और आय बढ़ाने के बारे में सहायता और सलाह प्रदान की जाएगी.

कृषि कल्याण अभियान का आयोजन नरेन्द्र  मोदी के किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने के दृष्टिकोण को ध्या‍न में रखते हुए 01 जून 2018 से 31 जुलाई 2018 के बीच किया जा रहा है.

कार्यान्वयन प्रक्रिया

कृषि सहकारिता एवं किसान कल्‍याण विभाग, पशुपालन, डेयरी उद्योग और मत्‍स्‍य पालन, कृषि शोध एवं शिक्षा विभाग मिलकर जिलों के 25-25 गांवों में कार्यक्रमों का संचालन करेंगे. प्रत्‍येक जिले के कृषि विज्ञान केन्‍द्र सभी 25-25 गांवों में कार्यक्रमों को लागू करने में सहयोग करेंगे. प्रत्‍येक जिले में एक अधिकारी को कार्यक्रम की निगरानी करने एवं सहयोग करने का प्रभार दिया गया है. इन अधिकारियों का चयन कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय के सार्वजनिक उपक्रमों/स्‍वायत्‍त संगठनों और सम्‍बद्ध कार्यालयों से किया गया है.



कृषि कल्याण अभियान की विशेषताएं

•    कृषि कल्याण अभियान आकांक्षी जिलों के 1000 से अधिक आबादी वाले प्रत्येक 25 गांवों में चलाया जा रहा है. 

•    इन गांवों का चयन ग्रामीण विकास मंत्रालय ने नीति आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार किया गया है. 

•    जिन जिलों में गांवों की संख्या 25 से कम है, वहां के सभी गांवों को (1000 से अधिक आबादी वाले) इस योजना के तहत कवर किया जा रहा है.

 

 


कृषि कल्याण अभियान की गतिविधियां

•    मृदा स्वास्थ्य कार्डों का सभी किसानों में वितरण

•    प्रत्येक गांव में जानवरों के खुर और मुंह रोग (एफएमडी) से बचाव के लिए सौ प्रतिशत बोवाइन टीकाकरण.

•    भेड़ और बकरियों में बीमारी से बचाव के लिए सौ फीसदी कवरेज.

•    सभी किसानों के बीच दालों और तिलहन की मिनी किट का वितरण.

•    प्रति परिवार पांच बागवानी/कृषि वानिकी/बांस के पौधों का वितरण.

•    प्रत्येक गांव में 100 एनएडीएपी पिट बनाना.

•    कृत्रिम गर्भाधान के बारे में जानकारी देना.

•    सूक्ष्म सिंचाई से जुड़े कार्यक्रमों का प्रदर्शन.

•    बहु-फसली कृषि के तौर-तरीकों का प्रदर्शन.

 

केंद्र सरकार ने नई योजना ‘सेवा भोज योजना’ शुरू की

केंद्रीय संस्‍कृति मंत्रालय ने वित्‍त वर्ष 2018-19 और 2019-20 के लिए कुल 325 करोड़ रुपये की लागत से ‘सेवा भोज योजना’ नामक नई योजना शुरू की है.

समिति की सिफारिशों के आधार पर मंत्रालय में सक्षम प्राधिकारी ऊपर बताई गई विशेष सामग्रियों पर सीजीएसटी और आईजीएसटी का केन्‍द्र सरकार का हिस्‍सा वापस लौटाने के लिए परोपकारी धार्मिक संस्‍थानों का पंजीकरण करेगा.

उद्देश्य:

संस्कृति मंत्रालय इस योजना के तहत भोजन, प्रसाद, लंगर, भंडारे के लिए घी, तेल, आटा, मैदा, रवा, चावल, दाल, चीनी, बूरा और गुड़ जैसी कच्‍ची सामग्री की खरीदारी पर केन्‍द्रीय वस्‍तु और सेवाकर (सीजीएसटी) और एकीकृत वस्‍तु और सेवाकर (आईजीएसटी) का केन्‍द्र सरकार का हिस्‍सा लौटा देगा.

श्रद्धालुओं को बगैर किसी भेदभाव के निशुल्‍क भोजन/प्रसाद/लंगर(सामुदायिक रसोई)/भंडारा प्रदान करने वाले परोपकारी धार्मिक संस्‍थानों का वित्‍तीय बोझ कम किया जा सके.

                   अनुदान के लिए कौन पात्र होगा?

वित्तीय सहायता या अनुदान उन्हीं संस्थाओं को दिया जाएगा जो मंदिर, गुरुद्वारा, मस्जिद, गिरिजाघर, धार्मिक आश्रम, दरगाह, मठ जैसे परोपकारी धार्मिक कार्य करती है और एक महीने में कम से कम पांच हजार लोगों को निशुल्‍क भोजन प्रदान करती है.

आयकर अधिनियम की धारा 10 (23बीबीए) के तहत आने वाले संस्‍थान या सोसायटी पंजीकरण अधिनियम (1860 की XXI) के अंतर्गत सोसायटी के रूप में पंजीकृत संस्‍थान अथवा किसी भी अधिनियम के अंतर्गत वैधानिक धार्मिक संस्‍था के बनने के समय लागू कानून के तहत जन न्‍यास के तौर पर या आयकर अधिनियम की धारा 12 एए के तहत पंजीकृत संस्‍थान इस योजना के तहत अनुदान पाने के पात्र होंगे.

 

मुख्य तथ्य:

·         संस्‍कृति मंत्रालय वित्‍त आयोग की अवधि के साथ समाप्‍त होने वाली समयावधि के लिए पात्र परोपकारी धर्मार्थ संस्‍थान का पंजीकरण करेगा.

·         इसके बाद संस्‍थान के कार्यों का आकलन करने के पश्‍चात मंत्रालय पंजीकरण का नवीनीकरण कर सकता है.

·         जन साधारण, जीएसटी प्राधिकारियों और संस्‍था/संस्‍थान के लिए पंजीकृत संस्‍थान का विवरण ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्‍ध होगा.

·         संस्‍था/संस्‍थान को जीएसटी और आईजीएसटी का केन्‍द्र सरकार के हिस्‍से को वापस पाने के लिए राज्‍य स्‍तर पर जीएसटी विभाग के निर्धारित अधिकारी को पंजीकरण की मान्‍यता के दौरान निर्दिष्‍ट प्रारूप में भेजना होगा.

·         सहयोग ज्ञापन, कर्मचारियों या निशुल्‍क भोजन सेवा के स्‍थान को बढ़ाने/कम करने के किसी भी प्रकार के बदलाव के बारे में मंत्रालय को जानकारी देने की जिम्‍मेदारी संस्‍थान/संस्‍था की होगी.

·         सभी पात्र संस्‍थानों का दर्पण पोर्टल में पंजीकरण आवश्‍यक है. मंत्रालय को प्राप्‍त हुए सभी आवेदनों की जांच चार सप्‍ताह के भीतर इस उद्देश्य से गठित समिति द्वारा की जाएगी.



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