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Article : Current Affairs 3 july 2018.
Updated at : Wed, 04 July, 2018 , 11:19:16 AM ( IST )

एशियन गेम्स 2018 के लिए 524 सदस्यों वाले भारतीय दल की घोषणा

भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) ने 03 जुलाई 2018 को एशियाई खेलों के लिए भारतीय दल की घोषणा की. इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में होने वाले एशियाई खेलों में 524 सदस्यों का भारतीय दल हिस्सा लेगा. 
यह खेल 18 अगस्त से 2 सितंबर 2018 तक जकार्ता में आयोजित किये जायेंगे. भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा पूर्व घोषणा में बड़े दल के बारे में घोषणा की थी जिसके तहत 524 खिलाड़ियों को जकार्ता का टिकट दिया गया. आईओए के अनुसार इन खिलाड़ियों द्वारा अपने-अपने खेलों में पदक जीतने की संभावना अधिक है. 
इससे पहले 2014 के एशियाई खेलों में भारत ने 541 खिलाड़ी भेजे थे जिन्होंने 28 खेलों में देश का प्रतिनिधित्व किया था.
एशियाई खेल 2018 के लिए भारतीय दल की विशेषताएं
•    इन खेलों के लिए भारतीय दल में 277 पुरुष और 247 महिलाएं शामिल हैं. 
•    आईओए ने एथलेटिक्स से सबसे अधिक 52 प्रतिभागियों को जकार्ता भेजने की घोषणा की है.
•    एशियाई खेलों में इस बार आठ और नए खेलों को शामिल किया गया है. 
•    बैडमिंटन में भारत की ओर से 20 और साइक्लिंग में 15 खिलाड़ी हिस्सा लेंगे जबकि कुश्ती में 18, निशानेबाजी में 28 और टेनिस से 12 खिलाड़ी हैं.
•    इसके अतिरिक्त तीरंदाजी में 16, हॉकी में 36, बास्केटबाल में 12, हैंडबाल में 16, कबड्डी में 24, वुशू में 13, टाइवांडो में पांच, जूडो में छह कराटे में दो, मुक्केबाजी में 10, जिम्नास्टिक में 10, शतरंज में आठ, टेबल टेनिस में 10, भारोत्तोलन में पांच और गोल्फ में 10 खिलाड़ी हिस्सा लेंगे.

खेलों की सूची

भारत का दल तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, मुक्केबाजी, बोलिंग, कैनो-कयाक(स्प्रिंट), कैनो-कयाक(स्लालोम), साइकि लिंग, घुड़सवारी, तलवारबाजी, जिम्नास्टिक, गोल्फ, हैंडबॉल, हॉकी, जूडो, कबड्डी, रोइंग, सेलिंग, निशानेबाजी, स्क्वॉश, एक्वाटिक्स-तैराकी, एक्वाटिक्स-गोताखोरी, टेनिस, ताइक्वांडो, टेबल टेनिस, वॉलीबॉल, भारोत्तोलन, कुश्ती और वुशू में हिस्सा लेगा.

नये खेल: भारतीय दल पहली बार कराटे, कुराश, पेनकैक सिलाट, रोलर स्केटिंग, सांबो, सेपकटकरा, ट्रायथलन और सॉफ्ट टेनिस में भाग लेगा.

एशियाई खेलों के बारे में जानकारी
•    पहले एशियाई खेल 4 से 11 मार्च 1951 के बीच नई दिल्ली में आयोजित हुए थे. ये खेल पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 1950 में होने थे मगर तैयारियों में देरी के चलते इन्हें 1951 तक के लिए टाल दिया गया.
•    दूसरे एशियाई खेल फिलीपीन्स की राजधानी मनीला में एक से नौ मई 1954 के बीच आयोजित हुए. इन खेलों के उदघाटन की घोषणा राष्ट्रपति रैमन मैगसायसाय ने की थी और ये रिजाल मेमोरियल स्टेडियम में आयोजित हुए.
•    तीसरे एशियाई खेलों का आयोजन जापान की राजधानी टोकियो में हुआ. 24 मई से एक जून 1958 के बीच ये आयोजन हुआ, जिसमें 20 देशों के 1820 एथलीट्स ने 13 स्पर्धाओं में हिस्सा लिया.
•    चौथे एशियाई खेल 24 अगस्त से 4 सितंबर 1962 के बीच इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में आयोजित हुए. इंडोनेशिया सरकार द्वारा अनुमति न मिलने पर इज़राइल और ताइवान इन खेलों में हिस्सा नहीं ले सके थे.

 दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शुरू हुआ 'खुशी पाठ्यक्रम’


दिल्ली सरकार ने 02 जुलाई 2018 को स्कूली बच्चों के लिए खुशी पाठ्यक्रम लॉन्च किया. इसके तहत नर्सरी से लेकर आठवीं कक्षा तक की हर क्लास पांच मिनट के ‘ध्यान’ के साथ शुरू होगी.  

इस पाठ्यक्रम में स्कूल के छात्रों के लिए ध्यान, नैतिक मूल्य और मानसिक अभ्यास शामिल हैं. इसे दलाई लामा की उपस्थिति में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा लॉन्च किया गया है.

खुशी पाठ्यक्रम:

  • यह पाठ्यक्रम दिल्ली सरकार के सभी स्कूलों में नर्सरी से लेकर आठवीं कक्षा तक में 45 मिनट का एक ‘ हैप्पीनेस ’ पीरियड होगा.
  • खुशी पाठ्यक्रम पारंपरिक शिक्षा पाठ्यक्रम में ध्यान, मूल्य शिक्षा, और मानसिक अभ्यास सहित समग्र शिक्षा पर केंद्रित है.
  • यह पाठ्यक्रम छह महीने की अवधि में दिल्ली सरकार के 40 शिक्षकों, शिक्षाविदों और स्वयंसेवकों की एक टीम द्वारा डिजाइन और तैयार किया गया है.
  • यह पाठ्यक्रम छात्रों को अच्छा इंसान बनाने के उद्देश्य से ध्यान, नैतिक शिक्षाओं और मानसिक अभ्यास पर केंद्रित है.
  • यह पाठ्यक्रम शारीरिक और मानसिक कल्याण के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा. गुस्सा , नफरत और ईर्ष्या जैसी नकारात्मक और विध्वंसकारी भावनाओं के चलते पैदा होने वाले संकट का हल करेगा.

 Delhi government launches ‘happiness curriculum’ for school students

दिल्ली के स्कूलों में लागू:

दिल्ली सरकार विशेषज्ञों से, जिसमें दिल्ली के सरकारी स्कूलों के शिक्षक भी शामिल हैं, इसका पूरा खाका तैयार किया गया. यह पाठ्यक्रम पूरी तरह गतिविधियों पर आधारित है और इसकी कोई औपचारिक लिखित परीक्षा नहीं होगी. हालांकि अन्य विषयों की तरह समय-समय पर इसका मूल्यांकन हर एक बच्चे की हैप्पीनेस इंडेक्स के माध्यम से किया जाएगा.

महत्व:

खुशी पाठ्यक्रम' से आतंकवाद, भ्रष्टाचार और प्रदूषण जैसी आज के समय की समस्याओं को स्कूलों और मानव केंद्रित शिक्षा से हल किया जा सकता है.

इसमें लगभग 10 लाख छात्र और लगभग 50,000 शिक्षक शामिल होने की उम्मीद है.

स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों के मस्तिष्क को, विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों के माध्यम से, लगातार 10 साल तक खुशनुमा बने रहने का अभ्यास कराकर न सिर्फ विद्यार्थियों का अपना व्यक्तित्व बदला जा सकता है बल्कि पूरे समाज और देश की दशा और दिशा बदली जा सकती है.

भारत निर्वाचन आयोग ने मोबाइल ऐप ‘सीविजिल’ लांच किया


भारत निर्वाचन आयोग ने 03 जुलाई 2018 को चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की रिपोर्ट करने में नागरिकों को सक्षम बनाने हेतु ‘सीविजिल’ ऐप लांच किया.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओ पी रावत, चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा और अशोक लवासा ने एक कार्यक्रम के दौरान इस ऐप को लांच किया.

‘सीविजिल’ ऐप:

‘सीविजिल’ ऐप यूजर्स सहज और एन्ड्रायड एप्लीकेशन संचालन में आसान है.

यह ऐप उन्हीं स्थानों पर चालू होगा, जहां चुनाव की घोषणा की गई है. लेकिन, ऐप का बीटा वर्जन लोगों तथा चुनाव कर्मियों के लिए उपलब्ध होगा, ताकि ये लोग इसकी विशेषताओं से परिचित हो सकें और डमी डाटा भेजने का प्रयास कर सकें.

ऐप का परीक्षण पूरा होने पर:

परीक्षण के सफलतापूर्वक पूरा होने पर इसे सार्वजनिक रूप से लोगों द्वारा इस्तेमाल के लिए उपलब्ध कराया जाएगा. यह उपलब्धता छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम तथा राजस्थान के आगामी विधानसभा चुनाव से ही होगी. चार राज्यों के विधानसभा चुनावों के दौरान ऐप का व्यावहारिक उपयोग अगले लोकसभा चुनाव के दौरान व्यापक रूप से करने से पहले पायलट प्रयास के रूप में काम करेगा.

ऐप के लिए इंटरनेट जरूरी:

ऐप के लिए कैमरा, इंटरनेट कनेक्शन तथा जीपीएस लैस एन्ड्रायड स्मार्ट फोन जरूरी है. संचालन प्रणाली एन्ड्रायड जेलीबिन तथा उससे ऊपर की होनी चाहिए. एप्लीकेशन सभी नवीनतम एन्ड्रायड स्मार्ट फोनों के साथ कार्य करता है.

ऐप द्वारा आचार संहिता के उल्लंघन की रिपोर्ट:

  • ‘सीविजिल’ चुनाव वाले राज्यों में किसी भी व्यक्ति को आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की रिपोर्ट करने की अनुमति देता है.
  • यह अनुमति निर्वाचन घोषणा की तिथि से प्रभावी होती है और मतदान की एक दिन बाद तक बनी रहती है.
  • नागरिक इस ऐप का इस्तेमाल करके कदाचार की घटना देखने के मिनट भर में घटना की रिपोर्ट कर सकते हैं और नागरिकों को शिकायत दर्ज कराने के लिए पीठासीन अधिकारी के कार्यालय की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी.
  • जागरूक नागरिक को आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के दृश्य वाली केवल एक तस्वीर क्लिक करनी है या अधिक से अधिक दो मिनट की अवधि की वीडियो रिकॉर्ड करनी है.
  • स्वचालित स्थान मानचित्रण का कार्य ऐप द्वारा भौगोलिक सूचना प्रणाली के उपयोग से किया जाएगा.
  • ऐप के माध्यम से सफलतापूर्वक प्रस्तुति के बाद जागरूक नागरिक को एक यूनिक आईडी प्राप्त होता है, ताकि वह अपने मोबाइल पर आगे की कार्रवाई को जान सके और सूचना प्राप्त कर सके.
  • इस तरह एक नागरिक उल्लंघन की अनेक रिपोर्ट कर सकते हैं और प्रत्येक रिपोर्ट के लिए उन्हें यूनिक आईडी दिया जाएगा. शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय रखी जाएगी.

शिकायत दर्ज होने के बाद:

  • शिकायत दर्ज होने के बाद सूचना जिला नियंत्रण कक्ष को प्राप्त होती है, जहां से इसे फील्ड इकाई को सौंपा जाता है. एक फील्ड इकाई में फ्लाइंग स्क्वायड स्टैटिक निगरानी दल, आरक्षित दल होते हैं.
  • प्रत्येक फील्ड इकाई के पास एक जीआईएस आधारित मोबाइल एप्लीकेशन होगा, जिसे ‘सीविजिल डिस्पैचर’ कहा जाता है. यह मोबाइल एप्लीकेशन इकाई को स्थान पर सीधे पहुंचने और कार्रवाई करने की अनुमति देता है.
  • फील्ड इकाई द्वारा कार्रवाई किए जाने के बाद यह ‘कार्रवाई रिपोर्ट’ के रूप में संदेश भेजता है और प्रासंगिक दस्तावेज ‘सीविजिल डिस्पैचर’ के माध्यम से संबंधित पीठासीन अधिकारी को उनके निर्णय और निष्पादन के लिए अपलोड करता है.
  • यदि कदाचार की घटना सही पाई जाती है तो आगे की कार्रवाई के लिए सूचना भारत निर्वाचन आयोग के राष्ट्रीय शिकायत पोर्टल को भेजी जाती है और जागरूक नागरिक को 100 मिनट के अंदर की गई कार्रवाई की सूचना दी जाती है.

ऐप में दुरुपयोग रोकने की अंतरनिहित विशेषताएं:

  • इस ऐप में दुरुपयोग रोकने की अंतरनिहित विशेषताएं हैं. यह ऐप केवल आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के बारे में शिकायत प्राप्त करता है.
  • तस्वीर लेने या वीडियो बनाने के बाद यूजर्स को रिपोर्ट करने के लिए पांच मिनट का समय मिलेगा.
  • किसी तरह के दुरुपयोग को रोकने के लिए ऐप पहले से रिपोर्ट किए गए या पहले ली गई तस्वीरों या वीडियो अपलोड करने की अनुमति नहीं देगा.
  • इस ऐप में ‘सीविजिल’ ऐप का इस्तेमाल करते हुए फोटो और रिकॉर्डेड वीडियो को फोटो गैलरी में सेव करने की सुविधा नहीं होगी. यह ऐप चुनाव वाले राज्यों से नागरिक के बाहर निकलते ही निष्क्रिय हो जाएगा.

महत्व:

अभी तक आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों पर फौरी कार्रवाई नहीं की जा सकी है, जिसके कारण उल्लंघनकर्ता कार्रवाई से बच जाते हैं.

शिकायत के सत्यापन में तस्वीर या वीडियो के रूप में दस्तावेजी साक्ष्य की कमी भी बाधा थी. मजबूत अनुक्रिया प्रणाली के आभाव में घटना स्थल की त्वरित और सटीक पहचान भौगोलिक स्थान विवरण की सहायता से नहीं की जा सकती थी.

नया ऐप इन सभी समस्या को दूर करेगा और फास्ट-ट्रैक शिकायत प्राप्ति और समाधान प्रणाली बनाएगा.

एनपीए की समस्या से निपटने हेतु ‘सशक्त’ योजना की घोषणा


देश के सरकारी बैंकों के एनपीए अर्थात् नॉन परफॉरमिंग एसेट्स की समस्या को दूर करने के लिए एक समग्र नीति लागू किये जाने की घोषणा की गई है. यह समग्र नीति ‘प्रोजेक्ट सशक्त’ के नाम से लागू होगी जिसे सुनील मेहता की अध्यक्षता में गठित समिति की रिपोर्ट के आधार पर तैयार किया गया है.
'सशक्त' योजना के तहत पांच सूत्री फॉर्मूला लागू किया जाएगा. वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि देश में करोड़ रुपये से ज्यादा राशि के 200 बैंक खाते हैं. इनमें तकरीबन तीन लाख करोड़ रुपये के कर्ज फंसे हैं.
प्रोजेक्ट योजना सम्बंधित प्रमुख तथ्य
•    पचास करोड़ रुपये तक के फंसे कर्ज खातों के निपटारे के लिए हर बैंक में एक संचालन समिति का गठन किया जाएगा. इसका फायदा छोटी व मझोली कंपनियों को सबसे ज्यादा होगा कि उन पर ही 50 करोड़ रुपये तक का एनपीए है.
•    समिति 90 दिनों के भीतर इन सभी खातों के बारे में फैसला करेगी कि इन्हें और ज्यादा कर्ज देने की जरुरत है या इनके खाते को बंद करने की जरुरत है. 
•    50 से 500 करोड़ रुपये तक के एनपीए खाता के लिए यह फैसला किया गया है कि उनके बारे में लीड बैंक की अगुवाई में फंसे कर्जे के निपटारे का फैसला किया जाएगा.
•    इस श्रेणी के खाताधारकों को एक से अधिक बैंक कर्ज देते हैं इसलिए एक कर्ज देने वाले बैंकों के बीच एक समझौता किया जायेगा.
•    500 करोड़ रुपये से ज्यादा राशि के अन्य एनपीए खाते जिनका निपटारा एएमसी के जरिए भी नहीं हो सकेगा उन्हें दिवालिया कानून के तहत ही सुलझाया जाएगा.
•    इसे लागू करने के लिए इन बैंकों की एक स्क्रीनिंग समिति भी गठित होगी जो यह देखेगी कि तय नियमों का पालन पारदर्शी तरीके से किया जा रहा है या नहीं.

सुनील मेहता समिति का गठन

जून 2018 में वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने पंजाब नेशनल बैंक की अगुवाई में समिति का गठन किया गया जिसकी अध्यक्षता सुनील मेहता को सौंपी गई. इस समिति को ‘बैड बैंक’ जैसी संरचना की व्यावहारिकता परखने एवं दो सप्ताह में संपत्ति पुनर्निर्माण कम्पनी के गठन के लिए सिफारिश देने के लिए कहा गया.

इस समिति में स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के चेयरमैन रजनीश कुमार, बैंक ऑफ़ बड़ोदा के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी पी एस जयकुमार तथा एसबीआई के उप प्रबंध निदेशक सी वेंकट नागेश्वर शामिल थे.

लाभ

इस योजना का लाभ यह होगा कि इन ग्राहकों से ऋण वसूलने का झंझट बैंकों पर नहीं रहेगा. गोयल ने बताया कि एएमसी पूरी तरह से बाजार आधारित होंगे और देश में एक से ज्यादा एएमसी का गठन हो सकता है. इसमें देसी-विदेशी कंपनियां भी शामिल हो सकती हैं. यह प्रावधान किया जा रहा है कि एएमसी 60 दिनों के भीतर एनपीए का निपटारा करेंगे.



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