आप सभी को पता है आगामी निकटतम समय में Railway NTPC/Group D/ छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल द्वारा परीक्षा आयोजित होने वाली है, जिसमें सामान्य ज्ञान से संबंधित विभिन्न प्रश्न पूछे जाएंगे . अतः आपको सामान्य ज्ञान से संबंधित विभिन्न प्रश्नों का निरंतर अभ्यास करते रहना चाहिए . हम आपको सामान्य ज्ञान से संबंधित 10 अति महत्वपूर्ण प्रश्न उपलब्ध करा रहे हैं .आप इन प्रश्नों का निरंतर अभ्यास कर अपनी सफलता सुनिश्चित करें।
Questions Are :-
Question 1 :
भारत के किस राजवंश में 'शैव धर्म' को संरक्षण दिया
A. गुप्त ने
B. पल्लव ने
C.मौर्य ने
D. इनमें से कोई नहीं
Option's are:
Selection Type : Single Selection
Option 1
Incorrect
A
Option 2
Incorrect
B
Option 3
Incorrect
C
Option 4
Correct
D
Answer
भगवान शिव को मानने वालों ने शैव धर्म का विकास किया । शैव धर्म के आरंभिक साक्ष्य सिंधु सभ्यता में पाए गए हैं । सिंधु सभ्यता से लिंग उपासना की प्रथम जानकारी मिलती है ।शैव धर्म का आरंभिक साहित्यिक साक्ष्य पुराण में प्राप्त होता है ।उत्तर भारत में शैव धर्म को गुप्त शासकों का अपार संरक्षण प्राप्त हुआ ।दक्षिण भारत में पल्लव शासकों ने शैव धर्म को संरक्षण दिया।
गांधीजी ने अहमदाबाद में मिल मजदूर सत्याग्रह किस वर्ष किया
A. 1917
B. 1918
C. 1919
D. 1920
Option's are:
Selection Type : Single Selection
Option 1
Incorrect
A
Option 2
Correct
B
Option 3
Incorrect
C
Option 4
Incorrect
D
Answer
1918 में अहमदाबाद के कपड़ा मिल में वेतन वृद्धि के सवाल पर मिल मालिकों एवं मजदूरों में झगड़ा हो गया . गांधी जी ने 35% तक की मजदूरों के वेतन में बढ़ोतरी की मांग की ,परंतु सरकार ने अस्विकार कर दिया ।अहमदाबाद मिल मजदूरों ने गांधी जी के नेतृत्व में हड़ताल की तथा उन्हें सफलता प्राप्त हुई।
मार्च 1919 को आतंकवादी अपराध अधिनियम या रोलेट एक्ट या काला कानून पारित किया गया. जिसमें यह व्यवस्था की गई थी कि मजिस्ट्रेट किसी भी संदेहास्पद व्यक्ति को गिरफ्तार करके अनिश्चितकाल तक जेल में डाल सकता था .अपने इस अधिकार के साथ ब्रिटिश सरकार किसी भी निर्देश व्यक्ति को दंडित कर सकती थी .इस एक्ट को बिना वकील, बिना दलील तथा बिना अपील वाला कानून भी कहा जाता था .भारतीय नेताओं ने इसे काला कानून बताते हुए विरोध किया.
निम्न में से किस सुल्तान शासक का राज्य अभिषेक दो बार हुआ
A. मोहम्मद बिन तुगलक
B. कुतुबुद्दीन ऐबक
C. जलालुद्दीन खिलजी
D. फिरोज तुगलक
Option's are:
Selection Type : Single Selection
Option 1
Incorrect
A
Option 2
Incorrect
B
Option 3
Incorrect
C
Option 4
Correct
D
Answer
मोहम्मद बिन तुगलक की मृत्यु के पश्चात उसका चचेरा भाई फिरोज शाह तुगलक (1351-1388) दिल्ली की गद्दी पर बैठा .फिरोजशाह तुगलक का पहला राज्य अभिषेक थट्टा में हुआ था तथा पुनः 1351 में दिल्ली में दोबारा राज्य अभिषेक हुआ .फिरोज तुगलक ने 24 आपत्तिजनक करो को समाप्त किया. फिरोज ने शरीयत द्वारा स्वीकृत 4 करो खराज (लगान),जजिया( गैर मुस्लिमों से वसूला जाने वाला कर) ,खुम्स( युद्ध में लूट का माल), जकात( मुसलमानों से लिया जाने वाला कर) आदि को ही प्रचलन में मुख्य रूप से रखा. फिरोज तुगलक ने ब्राह्मणों एवं भिखारियों पर भी जजिया कर लगाएं.
मुद्रा टंकण के इतिहास में शेरशाह का महत्वपूर्ण स्थान है. चांदी के रुपए का प्रचलन सर्वप्रथम शेरशाह ने किया था. शेरशाह का रुपया शुद्ध चांदी का एवं मानक मुद्रा था. बाद में अकबर ने इसी आधार पर मुद्रा प्रणाली का विकास किया .शेरशाह सूरी का शासन काल भारतीय मुद्राओं के इतिहास में एक परीक्षण का काल था .शेरशाह द्वारा जारी चांदी के रुपए की तौल 180 ग्रेन थी .जिसमें 173 ग्रेन विशुद्ध चांदी होती थी .इस पर प्रायः अरबी पर अक्षरों के अतिरिक्त देवनागरी अक्षरों में भी सुल्तान का नाम अंकित रहता था।
मोहनजोदड़ो का कोठार( अनाज भंडार) 45.71 मीटर लंबा और 15.23 मीटर चौड़ा था .जो कि मोहनजोदड़ो सहित सिंधु सभ्यता का सबसे बड़ा भवन था. मोहनजोदड़ो के विशाल स्नानागार(Great Bath) की उत्तर से दक्षिण की ओर लंबाई 11.88 मीटर तथा पूर्व से पश्चिम की ओर चौड़ाई 7.01 मीटर थी.
185 ईसा पूर्व में पुष्यमित्र शुंग ने शुंग वंश की स्थापना की। उसने अंतिम मौर्य शासन बृहद्रथ की हत्या कर मगध की सत्ता हथिया ली. उसने दो अश्वमेध यज्ञ किए ।उसने यूनानी शासक मिनांडर को हराया। योग दर्शन के प्रतिपादक पतंजलि उसके समकालीन थे
मोक्ष की प्राप्ति के लिए चार आश्रमों का उल्लेख सर्वप्रथम किसमें मिलता है
A. मुंडकोपनिषद् में
B. शतपथ ब्राह्मण में
C. गोपथ ब्राह्मण में
D. जबालोपनिषद में
Option's are:
Selection Type : Single Selection
Option 1
Incorrect
A
Option 2
Incorrect
B
Option 3
Incorrect
C
Option 4
Correct
D
Answer
प्राचीन काल में धर्म, अर्थ, काम तथा मोक्ष जीवन के चार पुरुषार्थ माने जाते थे .उपर्युक्त पुरुषार्थ को साधने के लिए चार आश्रम ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ एवं सन्यास को आधार बनाया गया है .चारों आश्रमों का सर्वप्रथम उल्लेख जबालोपनिषद में मिलता है ।ऋग्वेद में सर्वप्रथम 'असतो मा सद्गमय' का उल्लेख हुआ है .पुनर्जन्म का सर्वप्रथम उल्लेख शतपथ ब्राह्मण में हुआ है .गीता से पूर्ण निष्काम कर्मयोग का प्रतिपादन छांदोग्य उपनिषद में हुआ ।राजसूय यज्ञ का प्रथम उल्लेख 'एतरेय ब्राह्मण' में हुआ है .'याज्ञवल्क्य गार्गी संवाद' वृहदारण्यक उपनिषदों में उल्लिखित है । 'वाजस्नेय संहिता' में 'वैश्य' शब्द का प्रथम बार उपयोग हुआ है.
कलीमुल्लाह शाह बहमनी राज्य का अंतिम सुल्तान था ।1527 ईस्वी में उसकी मृत्यु के साथ ही बहमनी राज्य का भी अंत हो गया और उसकी भग्नावशेषों पर पांच राज्य उठ खड़े हुए ।